अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की देश दुनिया में धूम…पीएम मोदी ने कश्मीर में योग के जरिए दिया संदेश
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को हर साल मनाया जाता है. इस साल इस दिवस की थीम है योग फॉर सेल्फ एंड सोसायटी. पीएम मोदी ने कश्मीर में डल झील के किनारे योग किया. उन्होंने कहा कि योग विद्या ही नहीं विज्ञान है. आइए जानते हैं कि उन्होंने योग के जरिए क्या संदेश दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य समारोह में शामिल हुए. इस अवसर उन्होंने कहा कि दुनिया योग की शक्ति को मानती है।
डल झील के किनारे हुआ मुख्य कार्यक्रम
पीएम मोदी डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में योग किया. खूबसूरत डल झील के किनारे उपस्थित कई लोगों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने योग किया.
उन्होंने कहा कि योग के जरिए लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. लोग अब फिटनेस के लिए निजी योगा ट्रेनर्स की मदद ले रहे हैं तो कई कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए योग ट्रेनर्स की नियुक्ति कर रही हैं. देश-विदेश में योग ट्रेनर्स की डिमांड बढ़ी है.
भागदौड़ भरी ज़िंदगी में योग के जरिए लोगों को तन-मन में स्फूर्ति आ रही है. योग केवल ज्ञान ही नहीं बल्कि विज्ञान भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विश्व योग को वैश्विक भलाई के एक शक्तिशाली एजेंट के रूप में देख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘जब हम अंदर से शांत होते हैं, तो हम दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव भी डाल सकते हैं…योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए तरीके बना रहा है।’
क्या है योग?
‘योग’ का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक आसन, ध्यान, सांस लेने की तकनीक को जोड़ता है। ‘योग’ भौतिकता को अध्यात्म से जोड़ता है। ‘योगा’ अर्थहीन है; यह किसी को भी किसी से नहीं जोड़ता इसलिए इसका कोई दिवस ही नहीं हो सकता।
योग शारीरिक और मानसिक चेतना बढ़ाने में मदद करता है। आधुनिक योग में व्यायाम, शक्ति, लचीलापन और श्वास पर ध्यान दिया जाता है। आधुनिक योग की कई शैलियाँ (Yoga Poses) हैं।
अष्टांग योग, हठयोग, विक्रम योग, अयंगर योग, जीवामुक्ति योग, कृपालु योग, कुंडलिनी योग। आधुनिक योग में सर्वाधिक लोकप्रिय अष्टांग योग है। इसमें आठ अंग होते हैं इसलिए अष्टांग योग कहलाता है। आठ अंग हैं- 1.यम, 2. नियम, 3. आसन, 4. प्राणायाम, 5. प्रत्याहार, 6. धारणा, 7. ध्यान और 8. समाधि। इन आठ योगांगों का पालन किए बिना कोई भी व्यक्ति योगी नहीं हो सकता।