International Youth Day 2022-“वायु” की तरह होता है “युवा”…जो इस तरह से बदल सकता है हवा..!!
दीपा मिश्रा
हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। ये दिवस देश-दुनिया में युवाओं की भूमिका को रेखांकित करता है. क्या है इस दिवस का इतिहास, क्यों ये विश्व भर के युवाओं के लिए है बेहद खास…आइए जानते हैं.
किसी भी देश के विकास में युवाओं की भूमिका सबसे ज्यादा होती है. किसी भी राष्ट्र के लिए युवा पीढ़ी एक एसेट यानि संपत्ति की तरह होता हैं. विश्व का सबसे युवा देश हमारा भारत देश है क्योंकि यहां पर युवाओं की जनसंख्या सबसे ज्यादा हैं।
हमारे देश में लगभग 66% आबादी 35 वर्ष से कम युवाओं की है. युवा पीढ़ी पर ही देश का भविष्य निर्भर होता है। युवाओं के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को मनाया जाता है तो वहीं अन्तर्राष्ट्रीय दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का अर्थ
17 दिसंबर 1999 को संयुक्त राष्ट्र सभा के द्वारा हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का फैसला लिया गया। उसके बाद 12 अगस्त 2000 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया और पिछले 22 सालो से इस दिन को मनाया जाता है।
इस दिवस का अर्थ है कि युवाओं को देश के युवाओं को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों का ज्ञान होना चाहिए और उन सबमें उनकी भागीदारी होनी चाहिए। साथ ही युवाओं को समाज के ऐसे मुद्दों को आगे लाना चाहिए जिन पर शासन प्रशासन का ध्यान नहीं है. समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और देश को विकास के रास्ते में आगे ले जाने के लिए युवाओं प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस 2022 की थीम?
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस हर साल एक विशेष थीम पर मनाया जाता है. इस साल के अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का थीम युवाओं की उन कठिनाइयों पर आधारित है, जो वे दुनियाभर में देख रहे हैं। इसमें 6 से 13 साल के उम्र के आधी आबादी के बच्चे है जो अपनी प्राइमरी एजुकेशन भी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए इस बार की तीम ”अंतर पीढ़ीगत एकजुटता: सभी उम्र के लिए एक दुनिया बनाना” रखा गया है.
युवा होता है वो, हवा बदल दे जो
युवा जोश, जज्बे और जुनून का प्रतीक होता है. उत्साह और उर्जा से भरपूर होते हैं युवा इसलिए देश को स्वतंत्र कराने में युवा क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों की हवा बदल दी थी. जेपी आंदोलन से लेकर अन्ना आंदोलन तक युवाओं के बलबूते हुए हैं.
आज का युवा बेरोजगारी का अभिशाप झेल रहा है. कई युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं तो कई युवा मजहबी कट्टरता से प्रभावित होकर आतंक के रास्ते पर चल पड़े हैं. ऐसे में युवाओं को ही उन्हें बर्बाद करने वाली हवाओं को बदलना होगा.
तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि युवा देश के कई युवाओं ने स्टार्ट अप्स में सफलता हासिल की है, वे नौकरी खोजने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बन रहे हैं. इसलिए युवाओं को अपने समाज में समरसता लानी होगी. युवाओं को देश में सुख, शांति और समृद्धि की हवा लानी होगी.