‘इंटीमेसी डायरेक्टर’ की ओटीटी और फिल्मों में बेहद जरूरत- आस्था खन्ना
बॉलीवुड की फिल्मों और वेब सीरीज में लव मेंकिंग सींस बहुत होते हैं पर उनको फिल्माने के लिए कोई इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर नहीं होता था जैसे कि एक्शन सींस की शूटिंग के लिए फिल्मों में एक्शन डायरेक्टर होते हैं. लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है अब इसमें लोगों को समझ आ रहा है कि इंटिमेसी डायरेक्टर की जरूरत होती है.
दीक्षा
‘इंटीमेसी डायरेक्टर’ की बालीवुड में इन दिनों तेजी से मांग बढ़ी है. वेबसीरिज के इस दौर में जब कंटेंट की भरमार है तो कलाकारों के लिए अवसर बेशुमार है. ऐसे में जब बात लव मेंकिंग सींस की आती है तो इसे शूट करना कितना कठिन या मुश्किल होता है, इस बारे में हमने इंटीमेसी डायरेक्टर आस्था खन्ना से बात की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश
आपने अपने करियर की शुरूआत बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर की थी फिर इंटिमेसी डायरेक्टर बनने का ख्याल कैसे आया?
जी ये सच है कि जब मैं मुंबई आई तो बालीवुड की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहती थी. संघर्ष के दौरान एक फिल्म फेस्टिवल में मेरी मुलाकात जाने-माने प्रोड्युसर डायरेक्टर शकुन बत्रा से हुई. उन्होंने कहा कि फिल्म मेकिंग समझने के लिए मुझे किसी फिल्म को असिस्ट करना चाहिए तो मैने कहा कि आपकी किसी फिल्म से ही शुरूआत कर देती हूं तो वे मान गए.
इस तरह से मेरी शुरूआत हो गई फिर मैने गहराइयां, कपूर एंड संस, श्रीराम राघवन के साथ बदलापुर और अंधाधुंध में काम किया है. इसके बाद गहराइयां फिल्म में इंटीमेट सींस की शूटिंग के दौरान मुझे इंटिमेसी कोआर्डिनेटर बनाया गाया. फिल्म गहराइयां करते समय उन्हें यह महसूस हुआ इंटिमेसी कोऑर्डिनेशन का काम बहुत ही इंट्रेस्टिंग है तो फिर मैने इसी तरफ ध्यान देना शुरू किया
बॉलीवुड में इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर्स का नया कानसेप्ट है. इसको लेकर आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
मुझे ऐसा लगता है कि बॉलीवुड में इंटिमेसी डायरेक्टर बनना आसान नहीं है. यहां पर अक्सर नए ट्रेंड आते रहते हैं. जब से वेबसीरीज का दौर शुरू हुआ है जिसमें ऐसे सींस होते हैं तो फिर इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर्स का स्कोप होने लगा है.
बॉलीवुड की फिल्मों में लव मेंकिंग सींस बहुत होते हैं पर उनको फिल्माने को लिए कोई इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर नहीं होता था जैसे कि एक्शन सींस की शूटिंग के लिए फिल्मों में एक्शन डायरेक्टर होते हैं. लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है अब इसमें लोगों को समझ आ रहा है कि इंटिमेसी डायरेक्टर की जरूरत होती है.
बॉलीवुड में अक्सर कई इंटिमेसी सीन फिल्माए जाते हैं, जिन्हें लेकर खूब चर्चा होती है, इंटिमेसी डायरेक्टर के तौर पर आपको क्या चैलेंजेस आते हैं और इस तरह के सींस की शूटिंग कैसे होती है?
अभी अभी आई फिल्म पठान जो काफी चर्चाओं में है उसका गाना बेशर्म रंग उसमें अगर हम बात करें सींस की काफी हद तक इंटिमेट है लेकिन वे ड्रेस की इंटीमेसी है. सांग और लोकेशन के मुताबिक हीरोइन को बिकनी कैरी करनी पड़ती है.
हीरोइन से लेकर कैमरा पर्सन तक सब प्रोफेशनल लोग होते हैं तो ऐसे सींस की शूटिंग में कोई खास प्राब्लम नहीं आती लेकिन बेड रूम सींस, लव मेकिंग सींस, किसिंग जैसे सींस की शूटिंग पूरी तरह से रियल नहीं होती ये कैमरे का कमाल होता है, एक्टर्स को कंफर्ट जोन में ले जाना होता है, जब दो एक्टर्स के बीच कोई इंटिमेट सीन फिल्माया जाना होता है इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर्स उसकी पूरी गाइडलाइन तय करते हैं और उसके मुताबिक शूटिंग होती है.
कहा जाता है बॉलीवुड में लड़कियों के लिए करियर बना पाना आसान नहीं है, उनके साथ हैरेसमेंट होता है, आपका क्या एक्सपीरियंस रहा?
जब मैंने फिल्म मेकिंग के लिए बाहर पढ़ने गए तो लोगों ने मेरे पापा से सवाल किया था कि कौन अपनी बेटी को फिल्मों की पढ़ाई के लिए बाहर भेजता है ऐसे कई सवालों का मेरे घर वालों को सामना करना पड़ा
और जब मैं वापस आई पढ़ाई पूरी करके तो मैंने पापा को बताया कि मैं सीधे यहां से मुंबई जा रही हूं अब मुझे नौकरी भी मिल गई है अगर मेरी दो-तीन साल में ग्रोथ नहीं हुई तो फिर से मास्टर्स करने वापस इंडिया से बाहर चली जाऊंगी डिसीजन में पापा ने मेरी हेल्प की यह भी कहा कि 3 साल हम तुम्हें सपोर्ट करेंगे उसके बाद नहीं.
ये बात मैंने इसलिए बताई कि अगर आपकी फैमिली का सपोर्ट है तो कोई दिक्कत नहीं है. रही बात हैरेसमेंट की तो हर सेक्टर में अच्छे बुरे लोग होत हैं. ये आप पर डिपेंड करता है कि आप कैसे ऐसे लोगों को और ऐसी सिचुएशन को डील करते हैं. मैंने भी ये सब फेस किया है लेकिन मुंहफट स्वभाव होने के कारण जो चीज मुझे नहीं पसंद है वो मैं नहीं करती थी. आप अपने टैलेंट के बल पर भी सक्सेज हो सकते हैं भले ही इसके लिए समय ज्यादा लगे, संघर्ष ज्यादा करना पड़े. बस अपने आप पर भरोसा रखें और आगे बढ़े.