‘इसरो’ ने रचा इतिहास…भारत पहुंचा चांद के पास…चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई सफल..हर भारतीय के लिए गर्व का पल
'इसरो' ने अंतरिक्ष की दुनिया में सफलता की नई इबारत लिख दी है. भारत के लिए अब चंदा मामा दूर के नहीं, पास के हो गए हैं. चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक कदम रखा. ऐसा इतिहास लिखने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है। पीएम मोदी ने इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी. आइए जानते हैं 'मिशन मून' का अब अगला कदम क्या होगा?
आखिरकार लैंडर ने 6 बजकर 04 मिनट पर चांद पर पहला कदम रखा।
इसी के साथ ही भारत चंद्रमा के किसी भी हिस्से में पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ रुस और चीन चांद पर यान भेजने में सफल हुए हैं।
धरती पर संकल्प…चांद पर सिद्धि- पीएम मोदी
PM मोदी इन दिनों ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए साउथ अफ्रीका गए हैं. मिशन मून की सफलता के साक्षी बनने के लिए पीएम मोदी साउथ अफ्रीका से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े.
उन्होंने इस सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी। मिशन सफल होने के बाद अपने संबोधन ने पीएम मोदी ने कहा कि हमारी परंपरा में दादी नानी चंदा मामा की कहानियां सुनाती थीं, चंदा मामा दूर के नाम की कविता कहती थीं लेकिन अब चंदा मामा दूर के नहीं, पास के हो गए हैं. चंदा मामा टूर के हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले 140 करोड़ भारतीयों के लिए ये पल, ये क्षण गर्व करने वाले हैं. देशवासियों के मन में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना भरने वाले हैं. अमृतकाल में चांद से अमृतवर्षा हुई है. हमारे वैज्ञानिकों ने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया,चंद्रयान की ये सफलता अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान को दिखाती है।
मिशन मून में अब आगे क्या होगा?
मिशन मून में अब आगे क्या होगा? इसका जवाब ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने दिया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए चांद पर सफल लैंडिंग की घोषणा की.
इस सफलता के बाद आगे के सफर पर उन्होंने कहा, मून मिशन के लिए आने वाले 14 दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में 4 से 24 घंटे यानि एक दिन तक का समय लग सकता है.
दरअसल यान के चांद की सतह पर उतरते ही वहां धूल का गुबार उठा है. इसे नॉर्मल होने में 4 से 24 घंटे लग सकते हैं . इसीलिए प्रज्ञान रोवर के बाहर आने में एक दिन तक का समय लगेगा.
लैंडर का दरवाजा खुलने के बाद रोवर को बाहर आने में 45 मिनट से 1.50 घंटे तक का समय लग सकता है. रोवर के पहिए चांद की सतह पर जहां भी चलेंगे, वहां-वहां भारत का अशोक स्तंभ चिह्न और इसरो के लोगो की छाप छोड़ेंगे. इसके अलावा लैंडर और रोवर एक-दूसरे की फोटो खींचकर इसरो कमांड सेंटर को भेजेंगे. इस दौरान रोवर से लेजर लाइट निकलेगी, जो भारत का झंडा बनाएगी.
उन्होंने कहा कि इसरो आने वाले दिनों में मिशन सूर्य के लिए आदित्य एल1 भेजेगा. इसके बाद गगनयान को भी लॉन्च किया जाएगा .
रूस हुआ फेल, भारत हुआ पास
रुस ने हाल ही में चांद के साउथ पोल पर सफलता का नया रिकॉर्ड बनाने की कोशिश की थी. उसका लूना-25 यान चांद पर 21 अगस्त को उतरने वाला था लेकिन आखिरी समया ऑर्बिट बदलने के दौरान समय रास्ते से भटक कर चांद की सतह पर क्रैश हो गया। इस तरह से रुस का मिशन मून फेल हो गया लेकिन भारत का मिशन मून पास हो गया.
एजेंसियां