आतंकियों की मदद करने वालों पर सख्त कार्रवाई, जम्मू कश्मीर सरकार ने इतने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
एजेंसियां
भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन आतंकियों ने इस स्वर्ग को नरक बना रखा है. आतंकियों को समर्थन करने वाले और उन्हें सहयोग करने वाले लोग भी आतंक फैलाने का ही कार्य करते हैं लेकिन ऐसे लोगों पर नकेल कसनी शुरू हो गई है.
जम्मू कश्मीर सरकार ने इनमें आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाऊद्दीन के पुत्र और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने वाले आरोपी बिट्टा कराटे की पत्नी समेत 4 कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया लेकिन क्या इतने भर से आतंक का अंत हो जाएगा या फिर कुछ और कार्रवाई होनी चाहिए, आइए जानते हैं
किस नियम के तहत हुई कार्रवाई?
राज्य सरकार आतंकियों की मदद के आरोप में 4 कर्मचारियों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है. इन लोगों को संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत हटाया गया है जिसमें कर्मचारियों को बिना जांच किये हटाने का अधिकार है।
किस किसको किया गया बर्खास्त?
जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकी बिट्टा कराटे की पत्नी समेत 4 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक बिट्टा कराटे को जम्मू-कश्मीर में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार बताया जाता है.
इन चारों पर आरोप है कि इन्होंने आतंकियों की मदद की और इस बात के पुख्ता सबूत सुरक्षा एजेंसियों के पास हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार ने बिट्टा कराटे की पत्नी अस्साबाह आरजूमंद खान, कश्मीर यूनिवर्सिटी में साइंटिस्ट मुहित अहमद भट्ट, कश्मीर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर माजिद हुसैन कादरी और आईटी मैनेजर सय्यद अब्दुल मुईद को बर्खास्त किया गया है.
बिट्टा कराटे की पत्नी का ISI से संबंध का आरोप
बिट्टा कराटे की पत्नी अस्सबाह 2011 बैच की अफसर हैं, उन पर आतंकी संगठन ISI से जुड़े होने का आरोप है. वह साल 2003 से 2007 तक अपनी ड्यूटी नहीं कर रही थीं.
वहीं, सय्यद अब्दुल्लाह मेनन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सयेह सलाहुद्दीन का बेटा है जो जम्मू-कश्मीर इंटरप्रेन्योरशिप डेवेलपमेंट इंस्टीट्यूट में बतौर IT मैनेजर काम कर रहा था. ये भी आतंकियों के संपर्क में था. उन्हें सारी जानकारी उपलब्ध करा रहा था. वह मजहब के नाम पर युवाओं को भड़काता था.