झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के सामने संकट बरक़रार…जानिए क्या बच पाएगी झारखंड सरकार?
विकास
रांची. झारखंड की सरकार के सामने संकट बरक़रार है. सीएम सोरेन की किस्मत दांव पर लग गई हैं. राज्यपाल ने चुनाव आयोग से सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश कर दी है, चुनाव आयोग जल्द ही इस पर अधिसूचना जारी करेगा. ऐसे में झारखंड सरकार का क्या होगा, आइए जानते हैं.
सोरेन बने रहेंगे सीएम?
दरअसल अगर इस मामले को रिप्रेंजेटेशन ऑफ पीपुल एक्ट से जोड़कर देखा जाए तो इसकी धारा 9 (A) के तहत अगर आरोप सही पाए गए तो चुनाव आयोग विधानसभा की सदस्यता रद्द कर सकता है.
इसके अलावा हेमंत सोरेन को अगले 5 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से रोक भी सकता है। अगर ऐसा हुआ तो हेमंत सोरेन की सीएम की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी. वहीं अगर सोरेन की सदस्यता रद्द होती है तो राज्यपाल को विधानसभा भंग करनी पड़ेगी और हेमंत सोरेन की को सीएम बनने के लिए 6 महीने के अंदर विधानसभा चुनाव जीतना पड़ेगा।
हेमंत सोरेन पर क्या लगे हैं आरोप?
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कोयले के कई खनन के पट्टे बिना किसी नीलामी की अपनी और अपने भाई बसंत सोरेन की शैल कंपनी को लीज पर दे दी ।इससे पहले भी हेमंत सोरेन पर 2013-2014 बालू घोटाले के आरोप लगे थे।
मामले पर बीजेपी की नज़र
यह मामला सामने आने पर बीजेपी हमलावर हो गई है और सोरेन से इस्तीफे की मांग की है. तो वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि बीजेपी शुरू से सरकार गिराने के लिए अलग अलग तरीके अपना रही है कभी ED, CBI, IT का इस्तेमाल करती है लेकिन उसमें कामयाब न होने पर अब ये हथकंडा अपनाया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्विटर में लिखा “संवैधानिक संस्थाओ को खरीद लोगे लेकिन पुलिस और जन समर्थन को कैसे खरीदोगे”.