खालिस्तान मामले में भारत ने कनाडा पर बढ़ाई सख्ती…दोनों देशों ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवायजरी
खालिस्तान मामले में भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. वैसे तो कनाडा में रहने वाले भारतीय लोगों की संख्या के आधार पर विश्व में 7वें नंबर है. कनाडा में लगभग 14 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं. बड़ी संख्या में वहां पर भारतीय छात्र पढ़ने जाते हैं जिनमें सबसे अधिक छात्र पंजाब और हरियाणा से आते हैं.
खालिस्तान मामले में भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. दरअसल भारत में हुए जी20 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जब वापस अपने देश पहुंचे तो उनके एक बयान ने दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ा दी.
जस्टिन ट्रूडो ने दिया निज्जर की हत्या से संबंधित बयान
भारत का कहना है कि कनाडा की सरकार खालिस्तानी समर्थक तत्वों को बढ़ावा दे रही है. उनकी अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लगा पा रही है वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से संबंधित एक बयान दिया जिसमें उन्होंने भारतीय एजेंसियों पर निराधार आरोप लगाते हुए कहा कि कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट्स का हाथ हो सकता है.
इसके बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को देश से बाहर जाने का आदेश दिया तो भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नई दिल्ली से कनाडा के शीर्ष राजनायिक कैमरून मैके को 5 दिनों के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया.
खालिस्तानियों का समर्थन करता है कनाडा?
दरअसल ये पूरा मामला खालिस्तान विवाद से जुड़ा हुआ है. ऐसा आरोप है कि कनाडा खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करने वालों की मदद करता है जिन्हें भारत ने प्रतिबंधित कर रखा है.
दरअसल एनआईए यानि नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने 40 मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें निज्जर का भी नाम जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है. उसकी 18 जून 2023 को कनाडा में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी. ये हमला गुरुनानक सिख गुरुद्वारा के पास हुआ था जिसमें 2 अज्ञात बंदूकधारियों ने निज्जर को गोली मार दी थी.
निज्जर इस गुरुद्वारे का संचालन करने वाली कमेटी का हेड भी था. सूत्रों के मुताबिक उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बुलावे और खर्चे पर पाकिस्तान की यात्रा भी की थी इससे साफ है कि खालिस्तान और आईएसआई के बीच कोई न कोई लिंक जरूर है.
हरदीप सिंह निज्जर पंजाब के जालंधर के भारसिंह पुरा गांव का रहने वाला था. वह 1996 में कनाडा चला गया वहां पर वहा खालिस्तान गतिविधियों में शामिल हो गया. उसने भारत में खालिस्तानी समर्थकों की पहचान करने, उन्हें ट्रेनिंग देने और फंडिंग करने का काम दिया गया बाद में वह खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख भी बन गया था.
भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी