पीएम जन औषधि केंद्र पालिसी: इन मेडिकल स्टोर्स पर मिलती है सस्ती दवाई…योजना से जुड़कर ऐसे बढ़ाएं अपनी कमाई …!!
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना के तहत बाजार में मिलने वाली महंगी दवाइयां इन केंद्रों पर बेहद कम दामों में मिलती है. इस योजना से लोगों को रोजगार के मौके भी मिल रहे हैं. यह योजना अपनी टैगलाइन “जनौषधि – सेवा भी, रोज़गार भी” को सही साबित कर रही है.
इस योजना के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था
“जन-औषधि केंद्र शरीर को औषधि देते हैं, लेकिन इनमें मन की चिंता को दूर करने वाली औषधि भी है, क्योंकि ये लोगों के पैसे बचाकर उन्हें राहत देने वाले केंद्र के तौर पर भी उभरे हैं. इससे पहले दवा का पर्चा हाथ में आते ही लोगों के दिल में शक पैदा होता था कि पता नहीं दवाइयां खरीदने में कितना अधिक खर्च होगा, उस तरह की चिंताओं से लोगों को अब मुक्ति मिली है.”
इस योजना के तहत गरीब लोगों को बहुत फायदा मिल रहा है. सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2025 तक देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,500 तक रख लिया जाए.
जन औषधि केंद्र योजना के उद्देश्य
इस योजना की शुरूआत सन 2008 में हुई थी. साल 2014 तक केवल 80 जन औषधि केंद्र थे, लेकिन आज 8916 जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं.
इस योजना का उद्देश्य लोगों को अच्छी क्वालिटी वाली दवाइयां सस्ते दामों में उपबल्ध कराना है. इसके अलावा लोगों में जेनरिक दवाइयों के प्रति जागरूकता फैलाना ताकि आम जनता को ये विश्वास हो सके कि ये दवाइयां भी उतनी ही प्रभावशाली हैं जितनी की ब्रॉडेंड और महंगी दवाइयां होती हैं. तीसरा लोगों को जन औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित करके स्वरोजगार को बढ़ावा देना
इस योजना के तहत 1759 दवाएं और 280 सर्जिकल उत्पाद आते हैं. अब जेनरिक एलोपैथिक सहित इसके दायरे में आयुर्वेदिक दवाइयोंको भी लाया जा रहा है. जल्द ही इन केंद्रों पर थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर नापने की मशीनें भी दिखाई पड़ेंगी.
साल 2025 में दवाइयों का संग्रह बढ़कर 2000 और सर्जिकल प्रोडक्ट का संग्रह बढ़कर 300 होने जा रहा है. दवाइयों के संग्रह में 241 दवाइयां और तो सर्जिकल प्रोडक्ट संग्रह में 20 प्रोडक्ट और जोड़े जाएंगे. इसका मकसद चिकित्सीय समूहों को कवर करने वाली सभी जरूरी दवाओं को जन औषधि केंद्र के दायरे में लाना है.
इन दवाओं में एंटी-डायबिटिक, कार्डियोवस्कुलर ड्रग्स, एंटी-कैंसर, एनाल्जेसिक और एंटीपायरेटिक्स, एंटी एलर्जी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एजेंट , विटामिन, खनिज और खाद्य पूरक, ट्रॉपिकल दवाएं शामिल हैं.
महिलाओं को महज 1 रु.में मिलती है सेनेटरी नैपकिन
जन औषधि केंद्र में महिलाओं को महज 1 रुपए में सेनेटरी नैपकिन मिलती है. नवंबर 2022 तक इन केंद्रों से 31 करोड़ पैड बेचे जा चुके हैं. करोड़ों रुपये की हुई सेनेटरी नैपकिन की ये बिक्री इस तरफ इशारा करती हैं कि ये केंद्र बेहद बड़ी संख्या में गरीब तबके की औरतों और लड़कियों की जिंदगी आसान कर रहे हैं.
देश भर में सभी महिलाओं के मासिक धर्म के वक्त को आसान बनाने के लिए “जन औषधि सुविधा ऑक्सी-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन” सभी पीएमबीजेपी केंद्रों में मौजूद हैं.
जन औषधि केंद्र योजना से जुड़कर पाएं रोजगार
- इस योजना से जुड़कर रोजगार भी पाया जा सकता है. एक सर्वे के मुताबिक हर एक केंद्र में हर महीने लगभग 1.50 लाख रुपये तक की बिक्री होती है.
- अगर आप जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपके पास 120 फीट का खुद का मकान या किराये की जगह होनी चाहिए.
- इसके अलावा आपके पास फार्मासिस्ट की डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए.
- जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आधिकारिक वेबसाइट http://janaushadhi.gov.in/ पर जाएं.
- इसके होम पेज पर आपको अप्लाई फॉर PMBJK आप्शन पर जाएं.
- अब स्क्रीन पर दिख रहे रजिस्टर नाउ पेज पर जाएं.
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म में मांगी गई सारी जानकारी को भरें और फार्म सबमिट करें.
- इस तरह से आप प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
- ज्यादा जानकारी के लिए आप वेबसाइट में दिए गए फोन नंबर्स पर भी संपर्क कर सकते हैं.