नेपाल प्लेन क्रैश- खोजी दल को मिला विमान का ब्लैक बॉक्स…जानिए हादसे की जांच में कैसे मदद करता है ये ब्लैक बॉक्स..?
दुनिया में कहीं भी कोई भी प्लैन क्रैश हो, दुर्घटना के तुरंत बाद ब्लैक बॉक्स को खोजबीन की जाती है ताकि हादसे की वजह का पता लगाया जा सके.
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स पैसेंजर प्लेन हो, कार्गो या फाइटर हर तरह के एयरप्लेन में होता है. इसमें फ्लाइट के दौरान की सारी गतिविधियां रिकॉर्ड होती है. इसको फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के नाम से भी जाना जाता है.
ब्लैक बॉक्स एयरप्लेन के बैक साइड में रखा होता है. ब्लैक बॉक्स टाइटेनियम बने डिब्बे में बंद होता है प्लैन क्रैश होने की स्थिति में इसको ज्यादा नुकसान न हो
क्या काम करता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स मुख्य तौर पर प्लेन क्रैश के कारणों का पता लगाने में मदद करता है. ब्लैक बॉक्स में फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, विमान में उड़ान के दौरान विमान से जुडी सभी तरह की गतिविधियों जैसे विमान की दिशा, ऊंचाई, ईंधन, गति, हलचल, केबिन का तापमान जैसे लगभग 90 तरह के डेटा के बारे में जानकारी मिलती है.
कितने प्रकार का होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स दो प्रकार के होते हैं. दोनों ही ब्लैक बॉक्स हवाई जहाज पर लगे होते हैं. इनमें से पहला बॉक्स फ्लाइट डेटा रिकॉर्ड करता है. यह बॉक्स 11000°C के तापमान को एक घंटे तक सहन कर सकता है जबकि 260°C के तापमान को 10 घंटे तक सहन करने की क्षमता रखता है.
दूसरा बॉक्स होता है कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर इसमें लास्ट के एयरप्लेन की आवाज, आपातकालीन अलार्म की आवाज ,केबिन की आवाज और कॉकपिट की आवाज को रिकॉर्ड करता है. इससे ये पता चलता है कि कि हादसे के पहले एयरप्लेन में कैसी स्थिति थी
बिना बिजली के काम करता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स की और खासियत ये है कि ये बिना बिजली के भी एक महीने तक काम कर सकता है. प्लेन क्रैश के बाद जब ये ब्लैक बॉक्स कहीं गिरता है तो हर सेकेंड एक बीप की आवाज लगातार 30 दिनों तक निकलती रहती है इससे ब्लैक बॉक्स को ढूंढने में मदद मिलती है.
वहीं ब्लैक बॉक्स की एक और खास बात ये है कि अगर ये 14000 फीट गहरे समुद्र में भी गिर गया तो भी पानी में ये खराब नहीं होता और समुद्र के अन्दर से बीप की आवाज आती रहती है.
नेपाल प्लेन क्रैश मामले में ब्लैक बॉक्स मिल गया है तो उम्मीद है कि दुर्घटना के कारणों का जल्द पता चल जाएगा लेकिन इस तरह की दुर्घटना न हो इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.