दिल्ली मेट्रो वाली ‘वायरल गर्ल’ पर सोशल मीडिया में छिड़ा घमासान…जानिए दिल्ली मेट्रो ने क्या दिया बयान ?
दिल्ली मेट्रो में एक लड़की बेहद शार्ट ड्रेस में यात्रा करती है जिससे बाकी यात्री असहज महसूस करते हैं. पब्लिक प्लेस पर अत्यंत छोटे कपड़े पहनने पर सवाल उठे तो वीडियो बनाकर शेयर करने वालों पर भी सवाल उठे. इससे अश्लीलता और आजादी पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है. आइए जानते हैं कि इस पर दिल्ली मेट्रो का क्या कहना है?
4 अप्रैल, नई दिल्ली. दिल्ली मेट्रो को दिल्ली की लाइफ लाइन माना जाता है. दिल्ली एनसीआर में लाखों लोग मेट्रो से सफर करते हैं लेकिन कुछ युवा मेट्रो में मस्ती करते है जैसे रील बनाना, लव मेकिंग करना. इन सबके वीडियो समय समय पर वायरल होते रहते हैं. एक ऐसा ही वी़डियो इन दिनों वायरल हो रहा है.
कौन है दिल्ली मेट्रो की ‘वायरल गर्ल’?
दिल्ली मेट्रो की ‘वायरल गर्ल’ का नाम रिदम छनाना बताया जा रहा है जो हरियाणा के फतेहगढ़ साहिब की रहने वाली है. रिदम के मुताबिक वह दिल्ली में मॉडलिंग और एक्टिंग का कोर्स कर रही है और इसी फील्ड में अपना करियर बनाना चाहती है.
सोशल मीडिया में अपने कपड़ों की वजह से सुर्खियों में रहने वाली उर्फी जावेद से उसकी तुलना की जा रही. इस पर उसका कहना है कि वे किसी से अपनी तुलना नहीं करना चाहती और अपने दम पर अपनी पहचनान बनाना चाहती हैं.
क्या है लोगों की प्रतिक्रियाएं?
रिदम के इस वायरल वीडियो पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं कुछ लोगों का मानना है कि पब्लिक प्लेस पर ऐसे कपड़े पहनने से जहां बाकी यात्रियों को परेशानी होती है तो कुछ लोग ऐसी लड़कियों को फिल्मों वेबसीरिज से प्रभावित बताते हैं जिनकी वजह से हमारा कल्चर बिगड़ता हैं.
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह से जिस्म की नुमाइश करके लड़कियां पब्लिसिटी चाहती हैं. वहीं कुछ लोग ऐसी लड़कियों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कहते हैं.
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि किसी को किसी भी तरह के कपड़े पहनने की आजादी है लेकिन कहां पर कैसे कपड़े पहनने चाहिए इसकी तमीज तो होनी ही चाहिए. जैसा देश, वैसा भेष बहुत पुरानी कहावत है. आजकल की लड़कियों को इस कहावत को मानना चाहिए.
दिल्ली मेट्रो का बयान
वहीं इस मामले पर दिल्ली मेट्रो ने आधिकारिक बयान जारी किया है. दिल्ली मेट्रो ने कहा है कि पैसेंजर्स को अपने मनपसंद कपड़े पहनने का अधिकार है लेकिन साथ ही उनसे ये भी अपेक्षा है कि वे सामाजिक शिष्टाचार का पालन करें ताकि दूसरे पैसेंजर्स असहज महसूस न करें और उनकी भावनाएं भी आहत न हों.
क्या कहता है कानून?
इस तरह से एक बार फिर ‘अश्लीलता’ और अभिव्यक्ति की आजादी पर नई बहस छेड़ दी है. आइए जानते हैं कि इस पर भारतीय कानून क्या कहता है?
इंडियन पैनल कोड यानी IPC की धारा 292 अश्लील सामग्री की बिक्री, वितरण या प्रकाशन पर रोक लगाती है.
अगर कोई भी व्यक्ति अश्लील ऐसे पुस्तकों के पठन या प्रकाशन का बिजनेस करता है तो उसको पहली बार में 2 हजार का जुर्माना या 2 साल की सजा या दोनों हो सकती हैं वहीं दूसरी बार ऐसा करने पर 5 हजार का जुर्माना या 5 साल की सजा या फिर दोनों हो सकता है.
भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पब्लिक प्लेस पर अश्लील हरकतें करता है या उत्तेजक कपड़े पहनकर दूसरे की भावनाएं भड़काता या भड़काती है तो उसे 3 महीने की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है.