इलेक्शन स्पेशल: चुनाव में इस वजह से होती है जमानत जब्त…जानिए किसी भी चुनाव में जमानत से जुड़े क्या हैं नियम…!!
रश्मि शंकर
हमारे देश में पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा के चुनाव होते हैं. हर चुनाव की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है, नियम कानून होती है. इन्हीं में से एक है जमानत से संबंधित नियम..
चुनाव और जमानत
देश में पंचायत चुनाव से लेकर राष्ट्रपति के चुनाव तक, हर चुनाव लड़ने पर उम्मीदवार को एक रकम जमा करानी होती है जिसे जमानत राशि भी कहते हैं। फिर अगर तय वोट से कम वोट मिलते हैं तो उम्मीदवार की जमानत राशि जब्त कर ली जाती है।
जमानत राशि क्यों होती है ज़ब्त?
दरअसल चुनाव आयोग की तरफ से एक हर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को एक तय रकम चुनाव आयोग में जमा करानी होती है, इसे ही जमानत राशि कहा जाता है। अगर कोई उम्मीदवार तय वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है।
चुनाव लडऩे के लिए सभी प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने के साथ ही निश्चित राशि रिटर्निंग ऑफिसर को जमा करानी होती हैं। इसे जमानत राशि कहते हैं। जनरल कैटेगरी यानि सामान्य वर्ग के प्रत्याशी के लिए जमानत राशि 10 हजार रुपए तो SC/ST के कंडीडेट्स के लिए 5 हजार रुपए है.
ये जमानत राशि उस समय जब्त हो जाती है जब किसी भी पार्टी का उम्मीदवार कुल वैलिड पड़े वोटों का 1/6 भाग वोट हासिल नहीं कर पाते.
किस चुनाव के लिए कितनी होती है जमानत राशि?
इलेक्शन कमीशन के के मुताबिक हर पद के लिए अलग अलग जमानत राशि तय की जाती है। हर उम्मीदवार नामांकन के समय जमानत राशि जमा करनी होती है।
० राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में सभी वर्गों के लिए जमानत राशि की रकम एक ही होती है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए उम्मीदवार को 15 हजार रुपये जमा कराने होते हैं।
० विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि की रकम 10 हजार रुपये होती है। एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 5 हजार रुपये जमा कराने होते हैं।
० लोकसभा चुनाव में सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करानी होती है। एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ये रकम 12,500 रुपये होती है।
जमानत राशि कब होती है वापस?
किसी भी चुनाव में जमानत राशि वापिस हो सकती है, मगर उसके कुछ नियम होते हैं जैसे
० अगर उम्मीदवार अपना नामांकन वापिस ले ले तो जमानत राशि वापिस हो सकती है।
० अगर उम्मीदवार की किसी वजह से हो जाती है तो उसके परिजनों को राशि वापिस कर दी जाती है।
० अगर उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है तो भी जमानत राशि वापस हो जाती है.