श्वेत क्रांति: हर साल 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है नेशनल मिल्क डे…बचपन से बुढ़ापे तक दूध के महत्व के बारे में जानिए
सुज़ैन ख़ान
दूध हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण आहार बन चुका है, छोटे से बच्चे से लेकर बुढ़ापे तक के लोगों के खानपान में दूध शामिल है. ऐसा कहने में कोई संकोच नहीं है कि दूध हमारे जीवन में मुख्य आहार है.
नेशनल मिल्क डे की हिस्ट्री
राष्ट्रीय दुग्ध यानि दूध दिवस के इतिहास की बात करें तो वर्गीज कुरियन को याद करना होगा. उनका जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझीकोड में हुआ था. उन्होंने ‘बिलियन लीटर आइडिया’ यानि ऑपरेशन फ्लड सफलतापूर्वक चलाया था जिसकी वजह से 1998 में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला देश बन गया। आज पूरे विश्व का लगभग 25 फ़ीसदी दूध का उत्पादन भारत में होता है.
वर्गीज ने अमूल दूध जैसी कंपनी की स्थापना की थी. वहीं साल 1970 में नैशनल डायरी डेवलपमेंट बोर्ड ने ऑपरेशन फ्लड शुरू किया था जिसका एक मात्र मक़सद दूध के उत्पादन को बढ़ावा देना था और साथ ही जो लोग दूध उत्पादन से जुड़े हुए थे उनका विकास करना था. इसका अधिकार सिर्फ़ और सिर्फ़ डॉक्टर वर्गीज़ कुरियन के हाथों में ही था. इसलिए उनके योगदान को देखते हुए उनके जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है.
बच्चे पैदा होने के बाद से ही दूध पीना शुरू कर देते हैं. जन्म लेते ही बच्चे मां का दूध पिलाना चाहिए, डॉक्टर्स के मुताबिक मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है. दूध शरीर में कैल्श्यिम की कमी को पूरा करते हैं.
दूध में 85 प्रतिशत जल और बाकी 15 फीसदी में कार्बोहाइड्रेट और मिनरल्स होते हैं. दूध में कैल्शियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं जो हमारे सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं.
बचपन हो, जवानी हो या बुढ़ापा दूध का नियमित और सही सेवन करना चाहिए. मिल्क हमारी हड्डियों, दातों औऱ दिमाग के लिए बेहद जरूरी होता है.