सिर्फ 1 लीटर हाइड्रोजन से 450 किलोमीटर चलेंगी गाड़ियां…ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर ये हैं सरकार की तैयारियां…!!
प्रबीन उपाध्याय
ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा है, जो रीन्युबल एनर्जी जैसे सोलर पावर का इस्तेमाल कर पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में बांटने से पैदा होता है, बिजली को जब पानी से होकर गुजारा जाता है तो हाइड्रोजन पैदा होता है। ये हाइड्रोजन कई चीजों के लिए ऊर्जा का काम कर सकता है। ग्रीन हाइड्रोजन दरअसल एनर्जी का सबसे साफ सोर्स है इससे प्रदूषण नहीं होता है।
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य
केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी है. इस मिशन का उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए ग्लोबल हब बनाना है। इससे हर साल 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा। इस योजना के तहत 2030 तक सालाना 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए गए भाषण में नेशनल हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया था. उन्होंने इसके फायदों के बारे में भी बताया था।
नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लाभ
इस मिशन से भारत को एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने और अर्थव्यवस्था के कई सेक्टर्स में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार के इस मिशन के तहत 2030 तक हर साल 5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।
इसके साथ ही इस क्षेत्र में कुल 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। साथ में 6 लाख से अधिक रोजगारों की उत्पत्ति की जाएगी। फॉसिल फ्यूल के इम्पोर्ट में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की कटौती की जाएगी।
ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने पर फोकस:
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि सरकार का लक्ष्य देश को ग्रीन हाइड्रोजन हब के तौर पर विकसित करने का है। इससे ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादक और उप्भोक्ता को एक ही जगह पर लाया जाएगा जिससे ट्रांसपोर्टेशन भी न बढ़े और जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर भी एक जगह उपलब्ध कराया जा सके। 2047 तक भारत को एनर्जी इंडिपेंडेंट बनाने का लक्ष्य हम प्राप्त करें इसके लिए ये बेहद जरूरी कदम है।
एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भर बनेगा भारत
भारत भविष्य में एनर्जी सेक्टर में पूरी तरह से इंडिपेंडेंट बनना चाहता है. इसके लिए ईंधन में मुख्य तौर पर ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया बनाने की बात हो रही है. इससे भविष्य में पेट्रोलियम की तरह भारत ईंधनों के लिए दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहेगा.
अभी दिल्ली में 50 बसें सीएनजी के साथ हाइड्रोजन मिक्स करके चल रही हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक हाइड्रोजन गैस से आने वाले समय में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव होंगे.