धर्म- कर्म

महाशिवरात्रि स्पेशल: अद्भुत और अद्वितीय हैं भगवान शंकर के ये 7 स्वरूप…जानिए क्या सीख देता है भगवान भोले का हर रूप..!!

महाशिवरात्रि का पावन पर्व भगवान भोले के भक्तों के लिए बेहद ख़ास होता है. भगवान शंकर को सबसे अधिक सहज, सरल और स्वाभाविक देवता माना जाता है जो देवताओं और दानवों दोनों ही के लिए समान रुप से पूज्यनीय है. भगवान शंकर का हर रूप है अद्वितीय और अद्भुत है. महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भगवान भोले के 7 स्वरूपों के बारे में आइए जानते हैं

दीपा मिश्रा

भगवान शंकर को देवों के देव महादेव, बम-बम भोले जैसे अनेकों नाम और रूप है जिसमें से आज महाशिवरात्रि के पावन मौके पर हम आपको बताएंगे महादेव के कुछ ऐसे रूपो के बारे में जो सम्पूर्ण मानव जाति को क्या संदेश देता हैं साथ ही शिव की उपासना करने से हमे क्या लाभ मिलता हैं ।

भोलेनाथ का पहला रूप है – महादेव

ऐसा मानना है कि प्रभु शिव के ही अंश से हर एक देवी देवताओं का उत्पति हुआ हैं। शिव के ही अंश से माता शक्ति उत्पन्न हुई हैं। कहा जाता है की सभी देवी देवताओं के सृजनकर्ता है शिव इसलिए इन्हे महादेव कहा जाता हैं।

महादेव की पूजा उपासना करने से सभी देवी देवताओं की पूजा का फल मिलता है. साथ ही सोमवार के दिन अगर आप महादेव रुप की उपासना करते है तो आपका हर ग्रह नियंत्रित रहता है.

शिव जी का दूसरा रूप – आशुतोष

शिव जी अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। अगर कोई सच्चे मन और श्रद्ध से भोलेनाथ की उपासना करता है तो शिव ज्यादा परीक्षा ना लेते हुए अपने भक्त को फल देते हैं।

शिव के बहुत जल्दी प्रसन्न होने के कारण उन्हें आशुतोष कहा जाता है, शिव के आशुतोष रुप की उपासना से तनाव दूर होता है। आशुतोष की आराधना से मानसिक परेशानियां मिट जाती है, सोमवार को शिव लिंग पर इत्र और जल चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं आशुतोष।

आशुतोष स्वरूप की उपासना का मंत्र-  “ॐ आशुतोषाय नमः”

शिव जी का तीसरा रूप- ‘रूद्र’

शिव में संहार की शक्ति होने से उनका एक नाम रूद्र भी है. उग्र रूप में शिव की उपासना “रूद्र” के रूप में की जाती है. संहार के बाद इंसान को रोने के लिए रूद्र मजबूर करते हैं. शिव जी का ये रूप इंसान को जीवन के सत्य से दर्शन कराता है.

मान्यता है कि रूद्र रूप में शिव वैराग्य भाव जगाते हैं. सोमवार के दिन शिवलिंग पर कुश का जल चढ़ाकर रूद्र की पूजा होती है.

रूद्र रुप की उपासना का मंत्र है- “ॐ नमो भगवते रुद्राय”

शिव जी का चौथा रूप – ‘नीलकंठ’

कहा जाता है कि संसार की रक्षा के लिए शिव ने समुद्र मंथन से निकला हलाहल विष पिया था. हलाहल विष पीने से शिव जी का कंठ नीला हो गया था. शिव जी के इस रूप को नीलकंठ कहा जाता है.

नीलकंठ रूप की उपासना करने से शत्रु बाधा दूर होती है. नीलकंठ रूप की उपासना से साजिश और तंत्र मंत्र का असर नहीं होता है. सोमवार को शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाकर नीलकंठ की पूजा होती है.

नीलकंठ रूप की उपासना का मंत्र है – “ॐ नमो नीलकंठाय”

शिव जी का पांचवां रूप- ‘मृत्युंजय’

मान्यता है कि शिव के मृत्युंजय रूप की उपासना से मृत्यु को भी मात दी जा सकती है. मृत्युंजय रूप में शिव अमृत का कलश लेकर भक्तों की रक्षा करते हैं. इनकी आराधना से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है.

मृत्युंजय की पूजा से आयु रक्षा और सेहत का लाभ मिलता है. शिव का यह रूप ग्रह बाधा से मुक्ति दिलाता है. सोमवार को शिव लिंग पर बेल पत्र और जलधारा अर्पित करें.

मृत्युंजय स्वरूप का मंत्र है – “ॐ हौं जूं सः”

शिव जी का छठां रूप – गौरीशंकर

मां गौरी और शिव का संयुक्त रूप है गौरीशंकर स्वरूप. इस स्वरूप की उपासना से शीघ्र विवाह होता है, गौरीशंकर स्वरूप मे शिव दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाते हैं। सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं गौरीशंकर

गौरीशंकर रूप की पूजा का मंत्र है-  ” ॐ गौरीशंकराय नमः”

शिव जी का सातवां रूप – नटराज

भगवान भोले को संसार के पहले कला उपासक के रुप में भी जाना जाता है. वे नटराज रुप में नृत्य करते हैं. भगवान शंकर योग, साहित्य और कला के देवता भी माने जाते हैं. भगवान भोले आदियोगी के रुप में पूजे जाते हैं

वैसे तो भगवान शंकर के अनेकों रूप है जिसका वर्णन करना एक साथ बहुत मुश्किल है लेकिन हर रूप में शिव ने संसार को सकारात्मक सोच, ऊर्जा और संदेश दिया हैं। साथ ही कहा है मानव के जीवन का सबसे बड़ा कटु सत्य है मृत्यु, जिसका जन्म हुआ है उसका मृत्यु भी तय है की होगा ही।

संसार में कोई अमर नही है, इंसान का किया हुआ कर्म ही उसे अमर बनाता है. ताकि उसके जाने के बाद भी लोग उसे याद करे इसलिए मनुष्य को अच्छे कर्म करनी चाहिए, अपने और अपनों के साथ साथ असहाय और बैबस लोगों का भी मदद करना चाहिए। क्योंकि किया हुआ कर्म चाहें वो अच्छा हो या बुरा फल जरूर मिलता हैं।

Bureau Report, YT News

YT News is a youth based infotainment media organization dedicated to the real news and real issues. Our aim is to “To Inform, To Educate & To Entertain” general public on various sectors Like Politics, Government Policies, Education, Career, Job etc. We are on the news, analysis, opinion and knowledge venture. We present various video based programs & podcast on You Tube. Please like, share and subscribe our channel. Contact Us: D2, Asola, Fatehpur Beri Chhatarpur Road New Delhi-110074 Mail ID: Please mail your valuable feedback on youngtarangofficial@gmail.com

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button