दिल की देखभाल- कोरोना के बाद से बढ़े हार्ट अटैक के मामले….ये लक्षण दिखें तो सावधान हो जाएं…अपने हार्ट को ऐसे बचाएं…!!
दिल जब अपना कार्य सही से नहीं कर पाता तो ब्लड में ब्लड में थक्का जम जाता है और शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. हाल ही में एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हार्ट अटैक आने से एक महीने पहले कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं. आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से लक्षण हैं?
सुज़ैन ख़ान
हमारे शरीर में हमारा दिल हर दिल हर पल धड़कता है. अपनी सेहत के प्रति जागरूक लोग अपने दिल का ख्याल रखते हैं फिर भी कोरोना के बाद से हार्ट अटैक के केसज लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
क्यों आता है हार्ट अटैक?
जब दिल अपना कार्य सही से नहीं कर पाता तो ब्लड में ब्लड में थक्का जम जाता है और शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. हाल ही में एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हार्ट अटैक आने से एक महीने पहले कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन, खराब लाइफ स्टाइल, स्ट्रेस आदि कारणों की वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना होती है.
दरअसल 500 महिलाओं पर एक स्टडी की गई तो पता चला है कि हार्ट अटैक आने से पहले लक्षण दिखे. स्टडी में यह बात सामने आई है जिन 500 महिलाओं को हार्ट अटैक से बचाया गया था उनमें से 95 फ़ीसदी महिलाओं को एक महीने पहले ही इसके सिंटम्स दिखने लगे थे.
हार्ट अटैक के लक्षण
स्टडी के मुताबिक साधारण तौर पर हार्ट अटैक के निम्नलिखित लक्षण होते हैं
- सीने में दर्द भी, छाती में दबाव, दर्द या जकड़न का आना
- नींद से जुड़ी दिक़्क़त होना
- शरीर में थकान होना
- खट्टी डकार आना
- अधिक चिंता होना
- दिल की धड़कन का ज़ोर से चलना
- याददाश्त का कमज़ोर होना
- आँखों में बदलाव होना
- भूख न लगना
- साँस लेने में परेशानी होना
- पैरों और हाथों पर झुंझुनूी होना
हार्ट अटैक से कैसे बचें?
सबसे पहले तो हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानेें, अपने खान-पान, रहन-सहन और दिनचर्या पर ध्यान दें, अपने वजन ऐर सुगर लेवल को काबू में रखें. एक्सरसाइज और योग नियमित तौर पर करें. किसी भी तरह के नशे का सेवन न करें. शराब और धुम्रपान करना बंद कर दें.
यदि किसी व्यक्ति को अचानक दिल का दौरा पड़ता है और उसे सांस लेने में कठिनाई होती है, तो ब्लड सर्कुलेशन बनाए रखने के लिए सीपीआर यानि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन शुरू करें। इससे कार्डियक अरेस्ट की संभावना कम हो सकती है, फिर जल्द से जल्द पेशेंट को अस्पताल ले जाएं.
आलेख में दी गई जानकारी एक रिसर्च रिपोर्ट पर आधारित है, ये सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है, ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।