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लोकसभा चुनाव 2024: BJP के दिल में भारी कसक..कांग्रेस ने बनाया शतक..चुनाव से मिले बड़े सबक?
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आ चुके हैं. इस बाद देश की जनता ने सारे एग्जिट पोल को नकार दिया है. बीजेपी को उम्मीद से बहुत कम और कांग्रेस को उम्मीद से बहुत ज्यादा सीटें मिली हैं. यूपी में दो लड़कों की जोड़ी ने कमाल किया है तो वहीं बीजेपी 2019 के मुकाबले आधी सीटों पर सिमट गई है फिर भी बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनेगी, पीएम मोदी ही बनेंगे. आइए जानते हैं इस चुनाव की बड़ी बातें
नई दिल्ली. 18वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम कई मायनों में ऐतिहासिक है. चुनाव परिणाम बताते हैं कि देश की जनता के मन को समझना आसान काम नहीं है. मोदी के अति-आत्मविश्वास ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया.
बीजेपी ने सोचा था कि 2014 और 2019 से बड़ी जीत उन्हें मिलेगी. इसीलिए अबकी बार, 400 पार वाला नारा दिया गया लेकिन ये नारा उन्हें बहुत महंगा पड़ा क्योंकि रिजल्ट बताते हैं कि बीजेपी अपनी बलबूत बहुमत के आंकड़े 272 को भी नहीं छू पाई. NDA को 290 सीटें तो INDIA को 235 सीटों पर बढ़त मिली है.
“इतना भी गुमान ना कर अपनी जीत पे ऐ बेखबर, शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं”.
ये शायरी बीजेपी के साथ साथ एग्जिट पोल करने वाली संस्थाओं और न्यूज चैनलों पर भी लागू होती है. इस चुनाव की पहली सबसे बड़ी बात बीजेपी की इतनी बुरी हार है कि चुनाव से पहले 370 सीटें लाने का दावा करने वाली पार्टी अपने बलबूते बहुमत के आकंड़े 272 को भी नहीं छू पाई.
यहां तक कि जो राम को लाए हैं, उनको हम लाएंगे वाला नैरेटिव भी नहीं चल पाया. अयोध्या वाली सीट में बीजेपी की हार बहुत कुछ कहती है. स्मृति ईरानी भी चुनाव हार गईं लेकिन अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में NDA को पूर्ण बहुमत का जनादेश प्राप्त हुआ।
बीजेपी को मध्य प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ में बीजेपी को अच्छी सफलता मिली है लेकिन सबसे बड़ा झटका यूपी से लगा. बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए के केवल 35 सीटें जीत पाई तो कांग्रेस-सपा वाले गठबंधन को 44 सीटें मिली. अन्य को 1 सीट मिली तो मयावती की पार्टी बीएसपी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई. अब मायावती के सामने अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने की है.
कांग्रेस ने बनाया शतक, बीजेपी को मिलेगा सबक ?
भारतीय राजनीति में पप्पू का नैरेटिव सेट करने वाले लोगों को पप्पू की पर्फॉमेंस ने सोचने को मजबूर कर दिया होगा. राहुल दोनों ही सीटों पर न सिर्फ जीते बल्कि देश व्यापी अपनी दो यात्राओं के जरिए लोगों के मन को छुआ जिसका फायदा कांग्रेस को चुनाव में मिला
इस बार के चुनाव में कांग्रेस को लंबे समय बाद 100 सीटें मिली, इसमें सबसे अधिक योगदान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रणनीति का रहा. नीतिश कुमार के पाला बदलने के बाद इंडी गठबंधन संकट में आ गया था फिर भी खड़गे ने ममता, अखिलेश, अरविंद केजरीवाल समेत कई विपक्षी दलों को एक साथ लाए. इसी का असर है कि इंडी गठबंधन 233 सीटें जीत पाई.
कभी कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देने वाली पार्टी बीजेपी को इस चुनाव परिणामों से सबक लेना चाहिए. अति-आत्मविश्वास खतरनाक होता है. लोकतंत्र में विपक्ष की मजबूत और महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए विपक्ष को भी सम्मान देना चाहिए.