धर्म- कर्म
महानवमी: नवरात्र के 9वें दिन होती है मां सिद्धिदात्री की उपासना…जानिए किस मंत्र से करें पूजा-अर्चना?
शारदीय नवारात्र का आज 9वां दिन है. शक्ति की देवी मां दुर्गाजी के सिद्धिदात्री स्वरूप की आज पूजा होती है. मां के इस रूप की पूजा करने से सभी सिद्धियों प्राप्त होती हैं । आइए जानते हैं कैसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा
मां सिद्धिदात्री की पूजा से मिलती है 8 सिद्धियां –
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार 8 प्रकार की सिद्धियां होती हैं. ये हैं अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व।
ऐसी मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को ये सभी सिद्धियां मिलती हैं। देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था।
इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था, इसी कारण से भगवान शिव का एक नाम अर्धनारीश्वर भी है।
कैसा है मां सिद्धिदात्री का स्वरूप?
मां सिद्धिदात्री सिंह पर सवार हैं. कमल पुष्प पर विराजमान हैं. मां का अत्यंत दिव्य स्वरुप है, उनकी चार भुजाओं। इनके दाहिने तरफ के नीचे वाले हाथ में चक्र,ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है।
सिद्धिदात्री देवी सरस्वती का भी स्वरूप माना गया है जो श्वेत वस्त्र धारण किेए हुए हैं. मां के इस स्वरूप की पूजा से महाज्ञान की प्राप्ति होती है।
मां की उपासना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां की पूजा से यश,बल,कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। मां भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन करने से भक्तों को सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मां का स्तुति मंत्र-
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।