Mahashivratri 2023- पूरे भक्तिभाव से मनाएं महाशिवरात्रि का त्योहार…जानिए व्रत के दौरान क्या होना चाहिए आहार ?
महाशिवरात्रि का महापर्व देश दुनिया में पूरे भक्ति भाव से मनाया जा रहा है. मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है, आइए जानते हैं कि देवादिदेव महादेव की पूजा कैसे करें और व्रत के दौरान क्या खाएं, क्या न खाएं..?
महाशिवरात्रि भगवान शंकर की पूजा का महापर्व है. ये त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यता ओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही शिव-पार्वती का विवाह हुआ था, सदियों से महाशिवरात्रि का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है।
कैसे करें भगवान भोले की पूजा-अर्चना?
महाशिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं। भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें। भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
शिवलिंग पर दूध या जल से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं।
घर से बाहर पास के किसी शिवमंदिर में जाएं औऱ भोलेनाथ को खुश करने के लिए श्रद्धालु मंदिरों में शिवलिंग पर दूध, जल, गंगाजल, धतूरा, आक, दही, बेलपत्र, गन्ने का रस, फल, फूल आदि चढ़ाकर जलाभिषेक कर रहे हैं।
इसके साथ ही पूरे दिन “ओम् नम: शिवाय” मंत्र का जाप करते रहना चाहिए. ऐसा भी कहा जाता है कि शिवलिंग को नारियल पानी नहीं चढ़ाएं. व्रत रखने वालों को शाम की पूजा के पहले एक बार फिर नहाना चाहिए.
इन शिव मंत्रों से करें भगवान भोले का ध्यान
भगवान भोले की पूजा के कई मंत्र है जैसे कि कर्पूर गौरम् करूणा वतारम्, संसार सारम भुजगेंद्र हारम्, सदा बसंतम, हृदयाल विंदे, भवम भवानी, सहितम नमामि
महामृत्युंजय मंत्र
इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
जल से अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें. ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप दिनभर करते रहने से विशेष फल मिलते है.
व्रत में क्या खाएं, क्या न खाएं?
महाशिवरात्रि में कई भक्त व्रत भी रखते हैं. कुछ लोग निर्जल व्रत रखते हैं तो कई लोग फलाहार व्रत रखते हैं. निर्जला व्रत करना हर किसी के बस की बात नहीं है इसलिए जो आपसे हो सके, उतना करें क्योंकि भगवान शंकर आपके भक्ति के भाव के देखते हैं.
व्रत के लिए सबसे सही आहार फल और सूखे मावे हो सकते हैं. फल आप पूजा में चढ़ाते भी हैं. इसे प्रसाद की तरह ग्रहण करने के बाद आप व्रत के दौरान फल खा सकते हैं. आप फ्रूट चाट, फ्रूट सलाद भी बना सकते हैं. फल का जूस भी पी सकते हैं. इसके साथ ही बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट जैसे सूखे मावे भी खा सकते हैं.
व्रत में साबूदाना सबसे ज्यादा खाया जाता है. आप साबूदाने की खिचड़ी, साबूदाना वड़ा, साबूदाना पकोड़ा वगैरह बनाकर खा सकते हैं.
व्रत में आलू सबका बड़ा सहारा होता है. आप आलू के पकौड़े, आलू दही, या भुना आलू जैसी चीजें खा सकते हैं. इसकी आलू टिक्की, आलू खिचड़ी, आलू का हलवा, आलू का चाट वगैरह बहुत कुछ बना सकते हैं. अगर आपको नमक की जरूरत लगती है तो आप सेंधा नमक का प्रयोंग करें लेकिन किसी भी तरह के मसालों का प्रयोग न करें.
आप व्रत के दौरान दूध-दही, फल, बिना नमक-चाट मसाला के सलाद वगैरह खा सकते हैं. पीने में फलों का जूस, लस्सी पी सकते हैं. आप ठंडई भी पी सकते हैं. इससे आपका पेट भी ठंडा रहता है. वहीं पेट भरा हुआ सा भी लगता है, आपको भूख नहीं लगती.
व्रत में तामसिक आहार से दूर रहना चाहिए. मांसाहारी भोजन इस दिन नहीं खाते. प्याज और लहसुन तामसिक आहार में आते हैं, इन्हें बिल्कुल भी न छुएं. इसके अलावा चावल, दाल, गेहूं और दूसरे अन्न और इनसे बनी चीजें भी व्रत में नहीं खानी चाहिए.