NAAC में ग्रेडिंग सिस्टम होगा खत्म…जानें अब किस आधार पर होगा कॉलेजों का मूल्यांकन?
NAAC यानि National Assessment and Accreditation Council की कार्यकारी परिषद की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है जिसके तहत अब यूनीवर्सिटी या कॉलेज A, A+ या A ++ के नाम पर छात्रों या अभिभावकों को धोखा नहीं दे पाएंगे.
NAAC देशभर में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को विभिन्न पैरामीटर्स के आधार पर मूल्याकंन करके ग्रेडिंग प्रदान करता है. अब ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है क्योंकि हाल ही में नैक की कार्यकारी परिषद में फैसला लिया गया है कि अब ग्रेड नहीं दिया जाएगा बल्कि अब कॉलेज और यूनीवर्सिटीज को नैक मान्यता प्राप्त या नहीं मान्यता प्राप्त के रूप में सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
नैक में ग्रेड सिस्टम होगा खत्म
नैक की कार्यकारी परिषद की बैठक में फैसला लिया गया कि अब ग्रैड सिस्टम नहीं रहेगा. उसकी जगह दो स्टेप्स में संस्थानों का मूल्यांकन किया जाएगा जिसमें पहला स्टेप्स निर्धारित मापदंडों के आधार पर मान्यता प्राप्त है या नहीं है वहींं दूसरे स्टेप में संस्थानों में एक से पांच के बीच स्तर दिए जाएंगे। ये व्यवस्था इसी शैक्षणिक सत्र यानि साल 2024-25 से लागू हो जाएगी।
नई व्यवस्था के तहत पहले 4 महीनों में बाइनरी एक्रीडिटेशन जिसका मतलब होता है कि (मान्यता प्राप्त या गैर-मान्यता प्राप्त) दिया जाएगा और इसके बाद परिपक्वता आधारित ग्रेडेड सिस्टम को पांच स्तरों में दिया जाएगा. बाइनरी एक्रीडिटेनशन दुनिया के कई देशों में है और इस सिस्टम को एजुकेशन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्यों लिया गया फैसला?
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने ये फैसला उच्च शिक्षा में अधिक गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से किया है. वहीं दूसरा मकसद ये है कि संस्थानों में नैक का ग्रेड के आधार पर कोई भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज छात्रों और उनके अभिभावकों को इस आधार पर धोखा नहीं दे पाएंगे कि उनके शिक्षण संस्थान को नैक की ओर से ए या ए प्लस ग्रेड हासिल है।