‘फेक न्यूज’ दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस…‘पैन्डेमिक’ की तरह फैल रहा है ‘इन्फोडेमिक’
'फेक न्यूज' के बारे में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस बनता जा रहा है. आइए जानते हैं कि उन्होंने सूचना अधिकारियों से लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए क्या करने को कहा?
एजेंसी
नई दिल्ली, 31 मार्च। ‘फेक न्यूज’ पर लगाम लगाने के लिए ‘फैक्ट चैक’ को महत्वपूर्ण बताते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस फेक न्यूज यानि फर्जी सूचनाएं हैं।
‘सही सूचनाएं पहुंचाना लोकतंत्र की सेवा’
श्री अनुराग ठाकुर आईआईएमसी यानि भारतीय जन संचार संस्थान में भारतीय सूचना सेवा ग्रुप ‘ए’ के प्रशिक्षु अधिकारियों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दौर में प्रत्येक व्यक्ति तक सही जानकारियां पहुंचाना लोकतंत्र की सबसे बड़ी सेवा है.
समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि बेहतर कम्युनिकेशन, सरकार और लोगों के बीच दूरी घटाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जागता है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि फेक न्यूज के युग में लोगों तक सही जानकारी पहुंचाना भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सही सूचना के प्रयोग से आम आदमी किसी भी विषय पर सही निर्णय ले सकता है। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया के बदलते समय में सरकारी सूचना तंत्र के अधिकारियों को यह तय करना है जनता तक सही जानकारी पहुंचे।
प्रभावशाली कम्युनिकेशन के महत्व को रेखांकित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सूचना एक शक्ति की तरह है, जिसका इस्तेमाल भारत के हित में, लोकतंत्र को मजबूती देने और लोगों के सशक्तीकरण में करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आप सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में आम जनता को उनकी भाषा में सूचित करते हैं, तो उसका प्रभाव बेहतर और लंबे वक्त तक रहता है।
‘पैन्डेमिक’ की तरह खतरनाक है ‘इन्फोडेमिक’
श्री अनुराग ठाकुर के अनुसार ब्रेकिंग न्यूज के इस दौर में एक शब्द अत्यंत प्रचलित हुआ है और उसके अनेक परिणाम और दुष्परिणाम भी देखने को मिले हैं। ये शब्द है ‘इन्फोडेमिक’। आम बोलचाल की भाषा में इसे ‘सूचनाओं का विस्फोट’ कहा जा सकता है। ऐसे समय में आईआईएस अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सिर्फ सूचनाओं को ही जनता तक न पहुंचाएं, बल्कि उनमें वैल्यू एडिशन भी करें, ताकि मीडिया उन सूचनाओं को प्राथमिकता से प्रसारित करे।
इस अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक श्री राजेश मल्होत्रा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री संजीव शंकर, आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी एवं अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल सहित वर्ष 2018, 2019 एवं 2020 बैच के भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के 52 प्रशिक्षु अधिकारी भी उपस्थित रहे,