टोल फ्री होंगे रोड: देश में एक साल के भीतर हटेंगे सभी टोल बूथ, जानिए ANPR कैमरे से कैसे कटेगा टोल टैक्स?
आरती कुमारी
नेशनल हाइवे (NH) और एक्सप्रेस वे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर होते हैं. ये सरकारी संपत्ति होती है और इसे बनाने मे हजारों करोड़ रुपए लगते है. फिर बड़े बड़े हाईवे, एक्सप्रेस वे को बनाने में और रख-रखाव में करोड़ों का खर्च आता है। इसी खर्च की भरपाई करने के लिए सरकार वाहन चालकों से कर के रूप मे टोल टैक्स वसूलती है।
टोल क्या है?
टोल टैक्स या सिर्फ टोल वह शुल्क है जो वाहन चालकों को तय सड़कों, पुलों, सुरंगों से गुजरने पर देना पड़ता है। ऐसी सड़कों को टोल रोड कहा जाता है। यह इनडायरेक्ट टैक्स है। यह रोड टैक्स से इतर है जो RTO वाहन मालिकों से वसूल करते हैं।
कैसे होता है टोल कलेक्शन?
आजकल देश में अधिकतर टोल कलेक्शन FASTag के जरिए होता है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) के जरिए टोल भुगतान होता है। यह डिवाइस गाड़ी की विंडशील्ड पर लगी होती है और आप टोल प्लाजा पर कैश देने के लिए रुकने के बजाय जा सकते हैं। FASTag की वैलिडिटी 5 साल होती है। आप उसे रीचार्ज कर सकते हैं।
FASTag क्या है?
फास्टैग एक ऐसा टेक्नोलॉजी जिससे आपके टोल के पैसा को ऑटोमेटिक लिया जाता हैं फास्टैग रिचार्ज सिम कार्ड की तरह होती हैं जो गाड़ी के Wind Sheet मिडल के ऊपर लगाया जाता हैं ताकि Toll Plaza के स्कैनर उसे पकर सके और आपको गेट पास दे सके , आप FASTag Recharge ऑनलाइन या ऑफलाइन 100 रूपए से लेकर 1 लाख तक कर सकते हैं ।
ANPR के जरिए कटेगा टोल टैक्स
अब लोगों को FASTag के झंझट से छुटकारा मिल सकता है। इतना ही नहीं अब टोल प्लाजा भी पुरानी बात हो जाएगी। दरअसल अब नेशनल हाईवे से टोल हटाकर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे से टोल टैक्स लिया जाएगा।
अभी तक टोल प्लाजा पर FASTag के जरिए टैक्स काटा जाता है लेकिन, जल्द ही ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे यह काम करेंगे। कैमरे इन ऑटोमेटिक नंबर प्लेट को रीड करेंगे और टोल टैक्स का पैसा आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगा।
गडकरी ने कहा कि अब टोल प्लाजा को हटाने और नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाने की तैयारी है, जो वाहन चालकों से टोल टैक्स की वसूली करेंगे।
गाड़ियों में लगेंगी नई नंबर प्लेट
इसके लिए गाड़ियों में हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट यानी HSRP लगेंगी। इस तरह के नंबर प्लेट्स से गाड़ी से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाती है। सरकार इन विशेष नंबर प्लेट को लगाने की शुरुआत 2019 में ही कर चुकी है। सरकार ने तब सभी पैसेंजर व्हीकल को कंपनी फिटेड नंबर प्लेट्स लगाने को कहा था।