ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 280 की गई जान…भारतीय रेलवे यात्रियों की सुरक्षा ‘कवच’ पर कब देगा ध्यान?
ओडिशा ट्रेन हादसे ने एक बार फिर यात्री सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बार कहा था कि भारतीय रेलवे जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘कवच’ प्रणाली विकसित कर लही है. इसका पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था. साल 2023 आ गया लेकिन यात्रियों को सुरक्षा 'कवच' नहीं मिला. अगर ये 'कवच' मिल गया होता तो ओडिशा में ट्रेन हादसे को रोका जा सकता था, आइए जानते हैं कैसे?
ओडिशा मेंं हुए बेहद दर्दनाक ट्रेन हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस हादसे में 280 यात्रियों की जान चली गई और लगभग 1 हजार यात्री घायल बताए जा रहे हैं जिनका कई अस्पतालों में इलाज चल रहा है. अगर ट्रेनों में कवच सिस्टम लगा होता तो ये हादसा नहीं होता , आइए जानते हैं क्या है कवच सिस्टम?
क्या है ‘कवच’ सिस्टम?
‘कवच’ सिस्टम के माध्यम से भारतीय रेलवे का उद्देश्य जीरो एक्सीडेंट का लक्ष्य हासिल करना है. यह एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है जिस पर साल 2012 से काम करना शुरू किया था। इसका पहला ट्रायल 2016 में किया गया था और इसका लाइव डेमो भी दिखाया गया था।
रेल पटरियों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने 34,000 किलोमीटर रेल मार्ग के साथ कवच तकनीक को मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक इस पर कुछ खास काम नहीं हुआ ।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया था कि ट्रेन एक्सीडेंट्स को रोकने के ‘कवच’ प्रणाली को देशभर में लागू किया जाएगा है. इस सिस्टम से ट्रेनों की टक्कर को रोका जा सकता है। अगर ये सिस्टम ट्रेनों में लगा होता तो उड़ीसा में हादसा नहीं होता.
कैसे काम करता है ‘कवच’ सिस्टम?
ये कवच ट्रेन के आमने-सामने आने पर कंट्रोल कर उसे पीछे ले जाता है और इसके जरिए यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में फेल हो जाता है तो इस प्रणाली से स्वचलित रूप से ब्रेक लग जाते हैं।
अगर कोई लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप करता है, तो कवच एक्टिव हो जाता है। इसके बाद सिस्टम लोको पायलट को अलर्ट करता है और फिर ट्रेन के ब्रेक्स का कंट्रोल हासिल कर लेता है।
कवच सिस्टम को जैसे ही पता चलता है कि ट्रैक पर दूसरी ट्रेन आ रही है, तो वो पहली ट्रेन के मूवमेंट को रोक देता है। सिस्टम लगातार ट्रेन की मूवमेंट को मॉनिटर करता है और इसके सिग्नल भेजता रहता है। इससे अगर दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं, तो एक निश्चित दूरी पर सिस्टम दोनों ही ट्रेनों को रोक देता है।
ओडिशा में कैसे हुआ भयानक ट्रेन हादसा?
ओडिशा के बालासोर में बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन में शुक्रवार शाम 7 बजे में हुआ 3 ट्रेनों की टक्कर से भीषण हादसा हुआ है, जिसमें 280 लोगों की जान चली गई… 100 से ज्यादा यात्री घायल हो गए हैं. पीएम ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. पीएम मोदी ने अस्पताल जाकर घायलों से भी मुलाकात की.
इस हादसे की वजह से कई ट्रेनों के रूट को डाइवर्ट किया गया है. घटना स्थल पर मलबा साफ होने का काम हो चुका है और ट्रैक की मरम्मत की जा रही है. घायलों की मदद के लिए स्थानीय लोग, उड़ीसा सरकार के अधिकारी, एनडीआरएफ की टीम सबने मिलकर काम किया. सर्विस और रेस्क्यू टीम को भी भेजा गया है। घटनास्थल पर 115 एंबुलेंस, 50 बस और 45 हेल्थ यूनिट्स को भी तैनात किया गया था ।
उच्च स्तरीय जांच के आदेश
सरकार ने इस दुर्घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए है. पीएम मोदी ने घटनास्थल का दौरा करते हुए कहा था कि इस दर्दनाक हादसे के जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी. अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि इतनी बड़ी घटना के बीच मानवीय गलती थी या कोई तकनीकि गलती?
(एजेंसियां)