वन स्टॉप सेंटर योजना से महिलाओं को मिलती है बहुत सी सुविधाएं…जानिए योजना से लाभ कैसे पाएं?
वन स्टॉप सेंटर देश के हर जिले में है। जिला महिला और बाल विकास अधिकारी से इसकी जानकारी ले सकते हैं. आइए जानते हैं कि इस महिलाओं को किस तरह से मदद मिलती है. हैं। यह नंबर 24 घंटे उपलब्ध रहता है।
नई दिल्ली. महिला सुरक्षा हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. घर हो या ऑफिस, बच्ची हो या बड़ी महिला आज भी वे पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. उनको अक्सर भेदभाव, छेड़खानी और शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
क्या है वन स्टॉप सेंटर योजना’
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अप्रैल 2015 में वन स्टॉप सेंटर योजना शुरू की थी. महिलाओं के साथ कभी ऑनर किलिंग होती है तो कभी दहेज के नाम पर प्रताड़ित होती हैं तो कहीं कोई सरफिरा उन पर एसिड अटैक कर देता है.
ऐसे में पीड़ित लड़कियों या महिलाओं को इस योजना के तहत मदद मिलती है. इसके तहत शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक शोषण से पीड़ित महिलाओं को मदद दी जाती है.
पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता दी जाती है. जरुरत के अनुसार मेडिकल हेल्प भी दी जाती है वहीं मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
अगर वन स्टॉप सेंटर के पास किसी भी पीड़ित महिला का फोन आता है तो उसे इमरजेंसी रेस्क्यू सर्विस प्रदान की जाती है। वन स्टॉप सेंटर, एंबुलेंस 108 सर्विस और पुलिस पीसीआर के साथ मिलकर महिला की मदद की जाती है और ज़रुरत के अनुसार पीड़ित नजदीकी हॉस्पिटल में पहुंचाया जाता है।
कैसे मिलेगी मदद?
घर या ऑफिस में किसी भी तरह के शोषण या हिंसा की शिकार महिलाएं वन स्टॉप सेंटर में शिकायत कर सकती है। अगर, कोई महिला खुद नहीं जा पा रही है तो वह किसी अपने दोस्त या रिश्तेदार के द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।
देश के हर जिले में वन स्टॉप सेंटर बने हुए हैं। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या फिर जिला कार्यक्रम अधिकारी की मदद से पीड़ित महिलाएं वन स्टॉप सेंटर तक अपनी परेशानी पहुंचा सकती हैं। इसके अलावा पीड़ित महिलाएं हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन करके भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं।