शुरू हुई देश की पहली रैपिड ट्रेन ‘नमो भारत’…जानिए क्या है इसकी ख़ासियत, कितनी है लागत?
पीएम मोदी ने देश की पहली रैपिड ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ट्रेन का नाम नमो भारत रखा गया है जो फिलहाल साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशन के बीच चलेगी. अगले 2 साल में ये ट्रेन मेरठ तक चलेगी. आइए जानते हैं कि इस ट्रेन की क्या खासियत है
दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के अंतर्गत साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशन के बीच 17 किलोमीटर तक चलने वाली ‘नमो भारत’ ट्रेन की शुरूआत हो गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसी के साथ ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ यानि आरआरटीएस की औपचारिक शुरुआत हो गई।
क्या है एनसीआरटीसी ?
एनसीआरटीसी यानि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम है जो ‘सेमी-हाई-स्पीड’ रेल सेवा के लिए आरआरटीएस गलियारे का निर्माण कर रहा है। यह केंद्र सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों का एक संयुक्त उपक्रम है।
एनसीआरटीसी दिल्ली और मेरठ के बीच 82.15 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण कर रहा है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के अंतर्गत अभी साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशन के बीच ट्रेन चल रही है. उम्मीद है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच ये ट्रेन जून 2025 तक शुरू हो जाएगी.
क्या है रैपिड ट्रेन की ख़ासियत?
रैपिड ट्रेन की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि ये ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. इससे दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा केवल 1 घंटे में पूरी हो सकेगी. इससे गाजियाबाद, मोदी नगर, मुराद नगर जैसे कई जगहों से आने जाने वाले यात्रियों को फायदा मिलेगा.
भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन की सेवाएं सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक उपलब्ध होंगी। फिलहाल साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 5 स्टेशन हैं – साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। इन स्टेशनों से दिल्ली आने जाने वाले लोगों को बहुत राहत मिलेगी.
नमो भारत रखा गया रैपिड ट्रेन का नाम
केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि आरआरटीएस ट्रेन को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा। इस नाम पर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश का भी यही नाम रख दो.
कितनी है लागत?
‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ यानि आरआरटीएस दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे का निर्माण कर रहा है जिस पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. इसके विकसित होने के बाद दिल्ली, गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर और मेरठ में रहने वाले लोगों को आवागमन में बहुत सुविधा मिलेगी.
एजेंसियां