पर्यावरण की रक्षा से होगी इंसान की सुरक्षा…’ग्रीन ग्रोथ’ और ‘ग्रीन जॉब्स’ के बारे में पीएम मोदी ने क्या कहा?
ऐश्वर्या जौहरी
कार्यक्रम की दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2070 तक नेट जीरो का टार्गेट रखा है । हमारे इस लक्ष्य की प्राप्ति में प्रत्येक राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की बहुत अहम भूमिका है।
मोदी ने पर्यावरण मंत्रियों को दिए मंत्र
पीएम मोदी का पर्यावरण मंत्रियों से कहा कि राज्यों में सर्कुलर इकोनॉमी की तरफ ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें। इससे सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति मिलेगी तो वहीं इससे पर्यावरण की रक्षा भी हो सकेगी ।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे सामने वो समय है जब भारत आगामी 25 वर्ष के लिए नए लक्ष्य को तय कर रहा है।उन्होंन कहा कि आप सबके इन प्रयासों से पर्यावरण की रक्षा होगी, देश का विकास तीव्र गति से होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि देश के वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है तो तालाबों और झीलों का दायरा भी बढ़ रहा है। इससे प्रकृति असंतुलन दूर होगा. पर्यावरण सही होगा तो अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
घटता जलस्तर सामूहिक चिंता का विषय
पीएम मोदी ने कम होते होते जल स्तर पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने भूमिगत जल स्तर के बारे में कहा कि जिन राज्यों में पानी की बहुलता थी और जल का स्तर भी ऊपर रहता था वे राज्य भी अब पानी की कमी से परेशान है। जल संकट सामूहिक चिंता का विषय है. इसकी जिम्मेदारी जल विभाग के साथ साथ पर्यावरण विभाग की भी है।
ग्रीन जॉब्स और ग्रीन ग्रोथ पर क्या बोले पीएम ?
ग्रीन जॉब्स यानि हरित नौकरी के अंतर्गत वे जॉब्स आते हैं जो पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं। पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव को बढ़ाने और नकारात्मक प्रभाव को कम करने का एक बड़ा अवसर है. पीएम मोदी ने सम्मेलन में कहा कि सस्टेनबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स को पूरा करने में ग्रीन जॉब्स एक बहुत अच्छा अवसर साबित हो सकते हैं।
ग्रीन जॉब्स मजबूत इकोनॉमी की ओर बढ़ता कदम है इससे कार्बनडॉय ऑक्साइड का इमिशन कम हो सकेगा। तभी पर्यावरण को बेहतर बनाने में और पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
ग्रीन जॉब्स का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और ग्रह के स्वास्थ्य पर फर्मों की गतिविधयों के प्रभाव को कम करना है।
ग्रीन जॉब्स के अंतर्गत अक्षय ऊर्जा,संसाधनों के संरक्षण, ऊर्जा कुशल साधनों को सुनिश्चित करने वाली नौकरियाँ आती हैं।इन सभी का उद्देश्य आर्थिक क्षेत्रों के नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के साथ कम कार्बन वाली इकोनॉमी को प्रोत्साहित करना है।
एक सर्वे के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में भारत में ग्रीन जॉब्स में करीब 468% का बूम आया है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच भारत में ग्रीन जॉब्स मलेशिया के बाद दूसरे सबसे बड़े स्तर पर बढ़े हैं।
वहीं ग्रीन ग्रोथ का मतलब उस तरह के आर्थिक उन्नति और विकास से है जिनमें प्राकृतिक स्त्रोत बने रहते हैं। ग्रीन ग्रोथ पर्यावरण और आर्थिक विकास दोनों के लिए एक लचीला तरीका माना जाता है।जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि प्राकृतिक स्त्रोतों के दोहन के बिना उनका लंबे समय तक ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाया जा सके जिससे प्राकृतिक संसाधनों की अक्षयता बरकरार रहे।