राष्ट्रपति का संदेश: इस देश का नहीं है कोई विकल्प, हर नागरिक ज़रूर ले ये संकल्प..!!
देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम अपना संदेश दिया. उन्होंने देश की आज़ादी में योगदान देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया और देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी दी. अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोरोना, अर्थव्यवस्था, महिला अधिकार,आदिवासी समुदाय, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. आइए जानते हैं उन्होंने इन मुद्दों पर क्या कहा?
कोरोना संकट से उबरे, वैक्सीन अभियान में चमके
राष्ट्रपति ने कहा कि देश और दुनिया में कोरोना बहुत बड़ा संकट लेकर आया. हमारे देश ने इस संकट से पार पाया. हमने देश में बनी वैक्सीन से न सिर्फ अपने लोगों की जान बचाई, बल्कि मानवता की रक्षा के लिए विदेशों में भी वैक्सीन भेजी. मानव इतिहास का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ जो सफलतापूर्वक चल रहा है.
अब तक लगभग दो सौ करोड़ वैक्सीन लगा दी गई है । कोरोना से हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई लेकिन इस महामारी का सामना करने में हम दुनिया के बाकी देशों से बेहतर रहे हैं. हमारी अर्थव्यवस्था धीरे धीरे मज़बूत हो रही है. अब भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
आधी आबादी का विकास में पूरा योगदान
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं को मताधिकार हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा इसमें बहुत वक्त भी लगा लेकिन हमारे देश में आजादी के बाद से महिला पुरुष सबको वोटिंग का अधिकार मिला. आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या 14 लाख से भी ज्यादा है।
आज देश की बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट तक बन रही हैं. खेलों की दुनिया में भी महिला खिलाड़ी सफलता की नई इबारत लिख रही हैं और इस तरह से आधी आबादी, देश के विकास में अपना पूरा योगदान दे रही है.
हर नागरिक अपने अधिकार से ज्यादा कर्तव्यों पर ध्यान दे
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में मूल अधिकार और मूल कर्तव्यों का ज़िक्र है. हमें अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना चाहिए ताकि आत्मनिर्भर भारत के लिए हर नागरिक समर्पित रहे. आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे सभी क्षेत्रों में अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा सरकार का और सिविल सोसायटी का उद्देश्य है कि सभी वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार लाएं, उन तक विकास की योजनाओं का लाभ पहुंचाएं
जन-जातीय गौरव दिवस
राष्ट्रपति ने आदिवासी समुदाय का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष से हर 15 नवंबर को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय सरकार ने लिया है जो कि एक बहुत ही स्वागत-योग्य कदम है। हमारे जन-जातीय महानायक सबके लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे।
हर नागरिक ले ये संकल्प
राष्ट्रपति ने कहा कि जल, जंगल, ज़मीन, धरती, पर्यावरण के सामने आज बहुत से चुनौतियां आ रही हैं. हर नागरिक ये संकल्प ले कि वे जल, मिट्टी और जैविक विविधता का संरक्षण करेंगे. हमारे पास जो कुछ भी है, वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। हमारे इस देश का कोई विकल्प नहीं है. हम सबको अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए समर्पित रहना चाहिए.