पुणे में नाबालिग की तेज रफ्तार कार ने ली 2 युवाओं की जान…आरोपी का बिल्डर पिता गिरफ्तार
पुणे एक्सीडेंट केस ने देश को झकझोर दिया है. ये कैसा समाज बन रहा है जहां अमीर लोग अपने बच्चों को सही परवरिश नहीं देते हुए अपने नाबालिग बच्चों को महंगी कार चलाने देते हैं. कानून नाबालिग समझकर साधारण शर्तों पर जमानत दे देता है. भले ही आरोपी का पिता गिरफ्तार हो गया हो लेकिन ऐसी घटनाओं पर लगाम कैसे लगेगी, आइए जानते हैं
पुणे. 19 मई. रविवार रात को शहर की सड़कों में एक अमीरजादा नाबालिग ने तेज रफ्तार से महंगी गाड़ी चलाते हुए 2 बाइक सवार को ऐसी टक्कर मारी कि उनकी जान चली गई. आरोपी नाबालिग लड़का शराब के नशे में धुत होकर कार चला रहा था.
कैसे हुई दुर्घटना?
पुलिस के मुताबिक पुणे में एक नाबालिग लड़का 12वीं पास होने के खुशी में अपने दोस्तों को एक क्लब में पार्टी में थी. पार्टी में उसने शराब भी पी थी. पार्टी के बाद वह बाहर आकर महंगी पोर्श कार से रश ड्राइविंग करने लगा जिससे उसने दो आईटी प्रोफेशनल्स को टक्कर मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
मृतक में एक लड़का और एक लड़की है. ये दोनों युवा मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले थे और पुणे सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रुप में काम कर रहे थे. इस घटना के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है.
नाबालिग आरोपी को मिली ज़मानत
पुलिस ने इस मामले में आरोपी नाबालिग लड़के को डिटेन करने के बाद जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने आरोपी को 14 घंटे के अंदर ही जमानत दे दी. कोर्ट ने नाबालिग आरोपी से 15 दिन तक समाज सेवा करने और ट्रैफिक नियमों पर निबंध लिखने को कहा और इसके आधार पर उसे जमानत दे दी. अब इस फैसले के खिलाफ देश भर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोग सोशल मीडिया में इस फैसले का सख्त विरोध कर रहे हैं.
आरोपी का पिता गिरफ्तार
मामले के हाईलाइट होने पर पुणे पुलिस एक्शन में आई और आरोपी नाबालिग के पिता को गिरफ्तार कर लिया जो पुणे शहर का बहुत बड़ा बिल्डर बताया जा रहा है. वहीं घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ चुका है. पुलिस ने पब के मैनेजर और मालिक को भी गिरफ्तार किया है.
कैसे रुकेंगी ऐसी घटनाएं ?
इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए समाज के स्तर पर ठोस प्रयास होने चाहिए. माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखना चाहिए. अपने नाबालिग बच्चों को गाड़ी चलाने के लिए नहीं देना चाहिए वहीं क़ानून के स्तर भी ठोस कार्रवाई होनी चाहिए ताकि इस तरह की दुर्घटनाएं न हों और बेगुनाह लोगों की जान न जाए
एजेंसियां