रामकाज: ‘टाट’ से ‘ठाठ’ में विराजे प्रभु श्री राम…’राममय’ हुआ पूरा हिंदुस्तान
रामकाज कीन्हें बिना मोहि कहां विश्राम...प्रभू की कृपा भयो सब काजू...जन्म हमार सुफल भा आजू...गोस्वामी तुलसीदास जी की लिखी ये चौपाइयां आज बेहद प्रासंगिक लग रही हैं क्योंकि महीनों, वर्षों, दशकों तक नहीं बल्कि 5 सदियों तक राम मंदिर को लेकर संघर्ष चला. कभी टाट में रहने वाले राम अब बड़े ठाठ से अपने मंदिर में विराजमान हो गए हैं. आइए जानते हैं कि हिंदुस्तान कैसे राममय हो गया है?
रामकाज पूरा गया है. आज यानि 22 जनवरी को अयोध्या में बालरूप भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. राम लला ‘टाट’ से ‘ठाठ’ में अपने स्थान पर विराजमान हो चुके हैं और इसके साथ ही ये पल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है.
अद्भुत, अद्वितीय और अलौकिक तरीके से विराजे रामलला
अद्भुत, अद्वितीय और अलौकिक तरीके से रामलला की विधि-विधान पूर्वक प्राण प्रतिष्ठा की गई. रामलला के मंदिर में विराजमान होते अयोध्या के साथ साथ पूरा देश जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकेंड तक रहा. यह दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक प्राण प्रतिष्ठा की पूजा विधि हुई. इसके जजमान पीएम नरेंद्र मोदी रहे.
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के देख-रेख में 121 वैदिक आचार्यों ने संपन्न करवाया। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के तुरंत बाद एअरफोर्स के हेलीकॉप्टर्स से राम मंदिर के ऊपर फूल बरसाए गए वहीं पीएम मोदी ने राममंदिर निर्माण कार्य में लगे हुए श्रमिकों पर भी पुष्पवर्षा की .
नए काल चक्र का उ्दगम हुआ- पीएम मोदी
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत में कहा साथियों सभी को राम आज प्रभु राम आ गये हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारे राम लला टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे राम लला अब इस दिव्य-भव्य और नव्य मंदिर में रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा पूरा देश राम मय हो गया है. विदेशों में रामभक्त अपने अपने तरीके से अपनी आस्था को व्यक्त करते हुए खुशी मना रहे हैं। ये राम मय माहौल प्रभु राम के आर्शीवाद से हुआ है। आज का सूरज अदभुत आभा लेकर आया है। ये एक नये काल चक्र का उ्दगम है।
पीएम मोदी ने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है.
राममय हुआ हिंदुस्तान
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा ये क्षण विजय का ही नहीं, बल्कि विनय का भी है। जो लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. मंदिर किसी आग को नहीं बल्कि नई ऊर्जा, नए उत्साह, नए विश्वास को जन्म दे रहा है। पूरा हिंदुस्तान राम मय हो गया है रामलला की प्रतिष्ठा से वसुधैव कुटुंबकम् की प्रतिष्ठा होती है। इससे मानवीय मूल्यों की प्राण प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। आज के दिन देश भर में राम भक्त दीप प्रज्वलित करके दीवाली मना रहे हैं. देश भर के मंदिरों के सजाया-संवारा गया है.