श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार बन रहा है द्वापर युग जैसा संयोग…कान्हा की पूजा में इस बार करें ये प्रयोग
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व देश विदेश में बड़े ही श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल की जन्माष्टमी में द्वापर युग जैसा संयोग बन रहा है. इसलिए इस बार कान्हा की पूजा में क्या प्रयोग करना चाहिए, आइए जानते हैं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक त्योहार है. इस दिन व्रत करने से भक्तों के सब दुख दर्द दूर होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
द्वापर युग जैसा संयोग
धार्मिक आचार्यों के मुताबिक इस साल की जन्माष्टमी बेहद शुभ है क्योंकि इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा संयोग बन रहा है. ऐसा शुभ संयोग बहुत वर्षों पहले बना था. इसलिए कान्हा की पूजा इस पर विशेष है.
मथुरा के साधुसंतों के मुताबिक इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हर्षण योग बन रहा है जो कि ज्योतिष शास्त्र में बेहद ही शुभ और मंगलकारी होता है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस योग में किए जाने वाले व्रत, पूजा का विशेष असर होता है, मनमुताबिक फल मिलता है.
कान्हा के पूजा में करें ये प्रयोग
इसके बाद कान्हा को माखन का भोग जरूर लगाएं क्योंकि कृष्ण-कन्हैया को माखन बचपन से ही सबसे प्रिय रहा है. इसीलिए उन्हें माखनचोर भी कहा जाता है.
श्री कृष्ण जन्म का गहरा अर्थ
देवकी का भाई कंस बुराई का प्रतीक है, वह अहंकार का स्वरूप है जो यह संदेश देता है कि शरीर के जन्म के साथ ही अहंकार का भी जन्म होता है. शरीर के अंदर अच्छाई और बुराई दोनों का अस्तित्व होता है। अगर हम बुराईंयों को दूर कर पाने में सफल होते हैं तो एक प्रसन्न व्यक्ति की तरह जीवन यापन करते हैं. भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण मोरपंख धारण करते हैं जो कि जिम्मेदारी का प्रतीक है. ये संदेश देता है कि व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा करना चाहिए. जिम्मेदारियों को कभी बोझ नहीं समझना चाहिए.