क्या है सोलोगैमी मैरिज ? जानिए किस एक्ट्रेस ने ज़ाहिर किए अपने जज़्बात, कह दी ये बड़ी बात?
आरती कुमारी
सोलोगैमी (sologamy) शब्द इन दिनों बेहद चर्चा में है। गूगल सर्च भी इस शब्द से भरा पड़ा है। इस शब्द का मतलब होता हैं कि खुद से शादी करना। इस मैरिज की एक खास बात है कि इसमें सिर्फ दूल्हा या दुल्हन ही होते हैं।
जो स्वयं से ही शादी रचाते हैं। इसे ‘सोलोगैमी मैरिज’ कहा जाता है। इस शादी को आज के समय पर ज्यादातर लड़कियां ही अपना रही हैं, सोलोगैमी मैरिज का कॉन्सेप्ट अमेरिका और यूरोप जैसे देशों के लिए कोई नया नहीं हैं, लेकिन भारत के लिए यह नया है। जिस तरह से पॉलोगैमी को बहुविवाह, मोनोगैमी को एक विवाह कहते हैं। उसी तरह सोलोगैमी विवाह को स्व-विवाह कहते हैं।
भारत में सबसे पहले किसने की ‘सोलोगैमी मैरिज’?
खुद से शादी करने वाली भारत में सबसे पहेली लड़की क्षमा बिंदु हैं। गुजरात की रहने वाली क्षमा बिंदु ने यह विवाह सारी रस्में एवं रीति रिवाजों से कि है उन्होंने सात फेरे भी लिए साथ ही अपनी मांग भी खुद भरी है। इसके साथ ही यह भारत की सबसे पहली सोलोगामी मैरिज बनी।
इस एक्ट्रेस ने भी की ख़ुद से शादी
बॉलीवुड एक्ट्रेस कनिष्का सोनी ने हाली ही में खुद से शादी कर ली है। उन्होंनेे अपने जज्बात ज़ाहिर करते हुए कहा कि खुशियां दूसरे में नहीं खुद में देखनी चाहिए. कोई किसी का साथ नहीं देता, हम दुनिया में अकेले आते हैं, अकेले जाते हैं तो फिर खुद से शादी करके खुश रहने में क्या बुराई है?
कनिष्का सोनी ने 2007 में अपने करियर की शुरुआत की थी, जब उन्होंने सिंगिग रियलिटी शो बाथरूम सिंगर में पार्टीसिपेट किया था, वे फियर फैक्टर: खतरों के खिलाड़ी 2 में एक गेस्ट प्रतियोगी थीं।
कनिष्का ने 2013 में एक तमिल फिल्म पथवेराम कोडी, देवराय, युवराजयम जैसी फिल्मों में एक्टिंग भी की है। उन्होंने दो दिल एक जान, पवित्र रिश्ता, दिया और बाती, देवों के देव… महादेव जैसे टीवी शो में भी काम किया है।
क्या कहता है भारत का कानून?
भारत व्यवस्था में जब एक लड़का और एक लड़की की पूरी विधि-व्यवस्था के साथ शादी होती है तभी उसे पूर्ण शादी माना जाता है। किसी भी शादी को कानूनी मान्यता देने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट लेना पड़ता है.
वर्तमान समय में दुनिया के कई देशों में समलैंगिक शादी को भी कानूनी मान्यता मिल रही है। हालांकि, भारत में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। यदि सोलोगैमी की बात करें तो भारत का कानून ऐसी शादियों का मान्यता नहीं देता।