स्पोर्ट्स कोटा के तहत इन विभागों में पाएं सरकारी नौकरी…जानिए कैसे होता है सिलेक्शन?
स्पोर्ट्स कोटा के तहत कई खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिली है. खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब, पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब...अब ये कहावत पुरानी हो गई है. खेलों की दुनियां में भी नाम कमा सकते हैं, शानदार करियर बना सकते हैं वहीं पुलिस, रेलवे जैसे कई विभागों में सरकारी नौकरी भी पा सकते हैं, आइए जानते हैं कैसे?
स्पोर्ट्स कोटा लगभग हर सरकारी विभाग में लागू होता है. जो युवा खेलों में दिलचस्पी रखते हैं, कोई न कोई स्पोर्ट्स खेलते हैं, अपने स्कूल या कॉलेज को डिस्ट्रिक्ट, स्टेट और नेशनल लेवल पर रिप्रजेंट करते हैं. वे अपने खेल में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं.
कोई न कोई रिकॉर्ड बनाते हैं तो ऐसे योग्य खिलाड़ियों के लिए सरकारी विभागों में भी नौकरी के दरवाजे खुले रहते हैं. खिलाड़ियों के लिए हायर एजुकेशन और गवर्नमेंट जॉब में स्पोर्ट्स कोटा है आइए जानते हैं कि खिलाड़ियों को इस कोटे का फायदा कैसे मिल सकता है.
स्पोर्ट्स कोटा के केंद्र और राज्य सरकार के कई विभाग में खिलाड़ियों को नौकरी मिल सकती है. भारतीय रेलवे, भारतीय सेना, पुलिस, सरकारी बैंक, जैसे कई विभागों में स्पोर्ट्स कोटा के तहत नौकरी मिलती है.
नियमों के मुताबिक, स्पोर्ट्स कोटा के तहत उन खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जाती है जिन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, ओलंपिक, वर्ल्ड कप, फेडरेशन कप, फेडेरेशन गेम्स जैसे खेलों में स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर भाग लिया हो.
क्या है चयन प्रक्रिया?
स्पोर्ट्स कोटा के तहत नौकरी पाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया है. इसके तहत लिखित परीक्षा, मेडिकल टेस्ट, इंटरव्यू के आधार पर नौकरी मिलती है.
स्पोर्ट्स कोटा में उन खिलाड़ियों को पहली वरीयता दी जाती है जिन्होंने युवा मामले और खेल विभाग से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन किया होता है.
दूसरे लेवल पर वे खिलाड़ी आते हैं जो किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को रिप्रजेंट करते हों, इसके लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त खेल महासंघों द्वारा आयोजित सीनियर या जूनियर लेवल की नेशनल चैंपियनशिप में जीते हों
इसके अलावा भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित नेशनल चैंपयिनशिप में भाग लिया हो और मेडल जीते हों.
इसके अलावा एआईयू यानि एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज द्वारा मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित गेम्स में किसी सरकारी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया हो और पहले, दूसरे या तीसरे स्थान में जीत हासिल की हो
वहीं उन खिलाड़ियों को भी चांस मिलता है जिन्होंने ऑल इंडिया स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित स्टेट या नेशनल लेवल के स्पोर्ट्स/इवेंट में भाग लिया हो और कोई मेडल भी जीता हो.