नाम परिवर्तन: देश की इस राजनीतिक पार्टी ने बदला नाम, क्या नाम बदलने से राष्ट्रीय राजनीति में कर पाएंगे काम ..?
ऐजेंसियां
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव साल 2024 के आम चुनावों पर नज़र बनाए हुए हैं. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम बदलकर राष्ट्रीय राजनीति में आने का साफ संदेश दे दिया है. वे मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं. आइए जानते हैं कि नाम बदलने से क्या वे राष्ट्रीय राजनीति में सफल हो पाएंगे?
साउथ इंडिया की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने अपना नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) हो गई है. इसके लिए आधिकारिक तौर पर चुनाव आयोग को पत्र लिखने की बात कही गई है.
पार्टी की बैठक में लिया गया फैसला
हैदराबाद में तेलंगाना राष्ट्र समिति यानि टीआरएस का नाम बदलने का फैसला पार्टी की मीटिंग में लिया गया. इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव पारित किया गया.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव ने इस प्रस्ताव को पढ़ा और बाकी के सदस्यों ने उसका समर्थन किया. इस तरह से आम सहमति से टीआरएस का नाम बदलकर बीआरएस किया गया. इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया.
क्यों बदला गया नाम?
नाम बदलने के पीछे की वजह ये है कि पार्टी अब तेलंगाना से बाहर के राज्यों में होने वाले चुनाव और लोकसभा चुनाव में अपना दम-खम दिखाएगी.
दरअसल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव मोदी को 2024 में हराने के मिशन पर हैं. इसके लिए वे विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं.
अभी पिछले महीने ही उन्होंने कई राज्यों का दौरा किया था, कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी की थी.
वे बिहार भी गए थे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव से भी मुलाकात की थी. इन नेताओं के साथ उन्होंने मिशन 2024 को लेकर प्लानिंग और स्ट्रैटजी पर चर्चा की थी.
के चंद्रशेखर राव ने कई बार कहा है कि बीजेपी और कांग्रेस ने देश को बर्बाद किया है. इससे साफ है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर आना चाहते हैं ताकि 2024 के चुनाव में वे कोई कमाल दिखा सकें.
राजनीतिक विष्लेषकों के अनुसार ये उतना आसान भी नहीं है क्योंकि विपक्षी दलों में एकता नहीं है, पीएम पद पर सर्वसम्मति और सर्वसहमति नहीं दिख पा रही है. इसलिए पार्टी का नाम बदलने से कुछ खास बदल जाएगा, ऐसा लगता नहीं है.