देशभर में 157 यूनिवर्सिटीज हैं डिफॉल्टर…जानिए यहां पढ़ रहे छात्रों पर क्या पड़ेगा असर?
देशभर में 157 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है इनमें से 108 सरकारी, 47 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और 2 डीम्ड यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। आइए जानते हैं किस वजह से ये विश्वविद्यालय डिफॉल्टर घोषित हुए और इससे यहां पढ़ने वाले छात्रों पर क्या असर पड़ेगा?
नई दिल्ली. UGC यानि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने देश भर की 157 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया है. सबसे अधिक मध्य प्रदेश की 16, राजस्थान की 14, यूपी की 12 विवि शामिल हैं. इनमें से कई सरकारी विवि भी है. UGC ने यह कार्रवाई क्यों की और इसका असर इन यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पर क्या पड़ेगा, आइए जानते हैं
यूनिवर्सिटीज डिफॉल्टर क्यों हुई घोषित?
UGC की तरफ से जारी की गई डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में मध्यप्रदेश का स्थान पहले नंबर पर है। एमपी की 16 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इसके बाद राजस्थान 14 और उत्तर प्रदेश 12 का नंबर आता है। वहीं इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल की 10 सरकारी यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है.
UGC के मुताबिक इन यूनिवर्सिटीज ने निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया और न ही अपने यहां लोकपाल की नियुक्ति की। यूजीसी नियमों के मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों को छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति करना अनिवार्य होगा.
कोई भी रिटायर्ड वायस चांसलर, या रिटायर्ड डीन, हेड या प्रोफेसर या पूर्व जिला न्यायाधीश को लोकपाल नियुक्त किया जा सकता है. इससे यहां पढ़ रहे छात्रों को आंतरिक शिकायत का मौका लोकपाल के यहां करने को नहीं मिल पाया.
कौन कौन से विवि डिफॉल्टर हुए घोषित
मध्य प्रदेश की जिन 16 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया है उनमें से राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV), माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) और राजा मान सिंह विश्वविद्यालय जैसे 7 सरकारी यूनिवर्सिटी, 7 प्राइवेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं.
वहीं, आंध्र प्रदेश की 4, बिहार की 3, छत्तीसगढ़ की 5, दिल्ली की 1, गुजरात की 4, हरियाणा की 2, जम्मू कश्मीर की 1 झारखंड की 4, कर्नाटक की 13, केरल की 1, महाराष्ट्र की 7 मणिपुर की 2, मेघालय की 1, ओडिशा की 11, पंजाब की 2, राजस्थान की 7, सिक्किम की 1, तेलंगाना की 1, तमिलनाडु की 3, उत्तर प्रदेश की 10, उत्तराखंड की 4, पश्चिम बंगाल की 14 सरकारी यूनिवर्सिटी डिफाल्टर घोषित की गई है।
छात्रों पर क्या पड़ेगा असर?
यूजीसी के मुताबिक वर्तमान सत्र में पढ़ाई कर रहे छात्रों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा. उनकी सामान्य तरीके से परीक्षा होगी, उनकी मार्कशीट, डिग्री, डिप्लोमा भी मान्य होगा लेकिन यदि ये यूनिवर्सिटिज लोकपाल नियुक्ति की नहीं करती तो फिर वे नए छात्रों को एडमिशन नहीं दे सकेंगी.
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