यूजीसी ने जारी किया नोटिफिकेशन…एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स पर आधार नंबर छापने पर होगा एक्शन
यूजीसी ने स्टूडेंट्स के राइट टु प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि छात्रों का आधार नंबर उनके एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स पर नहीं छापा जाए. आखिर ये मामला क्यों उठा, आइए जानते हैं
यूजीसी यानि यूनीवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने सभी विश्वविद्यालयों से कहा है कि छात्रों की डिग्री और प्रोविजनल सर्टिफिकेट पर उनके आधार नंबर नहीं छापे जाने चाहिए।
कहां से आयाआधार नंबर छापने का विचार ?
यूजीसी का ये नोटिफिकेशन उन खबरों के बीच आया है जिनमें कहा गया थी कि राज्य सरकारों के अधीन विश्वविद्यालय छात्रों की डिग्री पर आधार नंबर छापने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य ये बताया गया कि छात्रों के हॉयर एजुकेशन और जॉब में उनके डॉक्युमेंट्स के वेरीफिकेशन के लिए आधार नंबर छापने से सुविधा मिलेगी.
यूजीसी का इस बारे में कहना है कि छात्रोंं का पूरा आधार नंबर छापना उनके राइट टु प्राइवेसी का हनन है. एजुकेशनल डॉक्युमेंट्स में बार कोड होता है जिसको स्कैन करके उसका वेरीफिकेशन किया जा सकता है.
यूआईडीएआई नियमों के अनुसार आधार नंबर रखने वाली कोई भी संस्था इससे जुड़े किसी भी डेटाबेस या रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए. इसी नियम के तहत यूजीसी ने एक पत्र जारी करके कहा है कि ‘डिग्री और प्रोविजनल सर्टिफिकेट में आधार नंबर छापने की अनुमति नहीं है।
ऐसा करने पर संबंधित शिक्षण संस्थान पर कार्रवाई की जा सकती है।’’ इस बारे में यूजीसी ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट ugc.gov.in पर एक नोटिस भी जारी किया गया है.