World Heart Day: जिंदगी भर रहना चाहते हैं ख़ुशहाल…तो अपने दिल का कुछ ऐसे रखें ख्याल..!!
World Heart Day के अवसर पर ये जानना बेहद जरूरी है कि हमें अपने दिल का ख्याल कैसे रखना है. दिल के दौरे का जोखिम आजकल बढ़ता ही जा रहा है। हार्ट की बीमारियों से मरने की खबरें आज कल आम हो गई हैं। बुजुर्गों के साथ साथ अब यंगस्टर्स को भी हार्ट की समस्याओं ने घेर लिया है। दिल की बीमारियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसके प्रति हर किसी को सचेत होने की जरूरत है।
ऐश्वर्या जौहरी
World Heart Day हमारा दिल शरीर के सबसे ज़रूरी अंगों में से एक है। दिल की बीमारियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसके प्रति हर किसी को सचेत होने की जरूरत है।
क्या है ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ का इतिहास?
दुनियाभर में दिल की बीमारियों से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसको देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन और वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने मिलकर वर्ल्ड हार्ट डे के बारे में विचार किया किया. इस दिन का उद्देश्य लोगों को दिल की बीमारियों के बारे में जागरूक करना है.
पहले वर्ल्ड हार्ट डे सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था. अब हर साल साल ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ 29 सितंबर को मनाया जाता है. हर साल एक अलग थीम के साथ ये दिवस मनाया जाता है। इस साल यानि 2022 की थीम है ‘हर दिल के लिए दिल का इस्तेमाल’।
दिल के दौरे का जोखिम आजकल बढ़ता ही जा रहा है। हार्ट की बीमारियों से मरने की खबरें आज कल आम हो गई हैं। बुजुर्गों के साथ साथ अब यंगस्टर्स को भी हार्ट की समस्याओं ने घेर लिया है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार 30 से 40 साल के बीच के युवाओं में 13 प्रतिशत हार्ट की समस्याएँ बढ़ी हैं। भारत में भी अब ह्रदय रोग तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है।
हार्ट अटैक अचानक ज़रूर होता है लेकिन बिना संकेत दिए नहीं आता।ज़रूरी यह है कि हम शरीर के इन इशारों को समझें।
हार्ट प्रॉब्लम की शुरुआती चेतावनी:
आज हार्ट डे के मौके पर जानिए वो लक्षण जो दिल की बीमारियों में शुरुआत में दिखते हैं।
1.सीने में दर्द-
छाती में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है। इस दर्द को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
2.साँस फूलना-
हार्ट अटैक की स्थिति में साँसों से संबंधित दिक्कतों का अनुभव होना भी काफी सामान्य माना जाता है।
यदि आपको अक्सर सीने में तकलीफ के साथ या साँस लेने में कठिनाई का अनुभव हो रहा है,तो इन लक्षणों को बिल्कुल अनदेखा न करें। ऐसी समस्याएँ हार्ट अटैक आने का संकेत हो सकती हैं।
3.चक्कर या उलटी आना-
चक्कर के साथ उल्टी जैसा (नोजिया)महसूस होना भी हार्ट की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।इसे नज़रअंदाज़ न करते हुए सीरियसली लेना चाहिए क्योंकि इसका कारण ब्लड प्रेशर भी हो सकता है जो कि हार्ट अटैक की ही एक वजह है।
4.ज्यादा पसीना आना-
वर्कआउट के बाद या गर्मियों के दिनों में पसीना आना बहुत सामान्य बात है।पर अचानक बिना किसी कारण के बहुत ज्यादा पसीना आना दिल के दौरे का संकेत हो सकता है।
5.गले और जबड़े का दर्द-
महिलाओं में पहला लक्षण होता है उनकी पीठ,हाथ,गर्दन और जबड़े में दर्द । आमतौर पर कमर दर्द सबसे बड़े लक्षण के रूप में देखा जाता है।
6.ज्यादा खर्राटे आना-
खर्राटे सीधे आपकी साँस लेने की स्थिति में बाधा डालते हैं। जब साँस व्यवस्थित नहीं होती तो शरीर के हर अंग तक ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती और दिल,दिमाग जैसे महत्वपूर्ण अंग मुश्किल में आ जाते हैं,इसलिए ज्यादा खर्राटे आना भी खतरनाक साबित हो सकता है।
7.हाथ-पैर में सूजन-
हाथ-पैर में सूजन आ जाना भी हार्ट की बीमारी का संकेत हो सकता है इसलिए इन लक्षणों को अनेदखा नहीं करना चाहिए।
दिल का कैसे रखें ख्याल –
अपनी जीवन शैली में बदलाव करने और कुछ स्वस्थ आदतें अपनाने से दिल के दौरे के जोखिम को रोकने या कम करने में कॉफी मदद मिल सकती है।
स्वस्थ भोजन हृदय रोग के कारकों को कम करने में आपके लिए सहायक है।ज्यादा तली-भुनी चीजें न खाएं।ताज़े फल और सब्जियाँ खाएँ।
नींद से कोई समझौता नहीं -सोने का समय निर्धारित करें और हर दिन एक ही समय पर सोएँ। नींद की गुणवत्ता में सुधार करके आप हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं।
अपने वजन को संतुलित रखें और तनाव से रहें दूर
यदि आप को पहले से हार्ट प्रॉब्लम है तो नियम से जाँच कराएँ और जितना हो सके उतना स्ट्रेस फ्री लाइफ जीने की कोशिश करें।
हार्ट अटैक आये तो क्या करें?
1.सीपीआर-
इमरजेंसी में सबसे पहले मरीज़ को सीपीआर दें।इसे करने के लिए व्यक्ति की छाती के केंद्र पर जोर सेऔर तेजी से धक्का दें। एक मिनट में लगभग 100 से 120 बार ऐसा करें।
2.डॉक्टर के कहने पर ही ऐस्प्रिन दें–
अगर डॉक्टर सलाह दे तो पेशेंट को एस्प्रिन की गोली दे सकते हैं लेकिन डॉक्टर से पूछे बिना एस्प्रिन लेना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि कई बार एसिडिटी को हार्ट अटैक समझ कर एस्प्रिन लेने से स्टमक ब्लीडिंग हो सकती है।